रमन सिंह और भाजपा के लिए बड़ा सिरदर्द है ये सीडी

Raman-Singhनवंबर में होने वाले छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनावों से पहले एक बड़ा धमाका हुआ है। कांग्रेस ने राज्य के मुख्यमंत्री रमन सिंह ओर उनके चार वरिष्ठ कैबिनेट मंत्रियों पर एक बैंक घोटाले के मामले में एक-एक करोड़ रुपए घूस लेने का आरोप लगाया है। इंदिरा प्रियदर्शिनी बैंक घोटाले में मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह और चार मंत्रियों पर एक-एक करोड़ रुपए लेने का आरोप कांग्रेस ने लगाया है। कांग्रेस के प्रदेश महामंत्री व पूर्व मंत्री भूपेश बघेल ने आज प्रेस कांफ्रेंस लेकर यह आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि इंदिरा प्रियदर्शिनी बैंक में 2007 में 54 करोड़ रुपए का घोटाला हुआ था। इसके बाद से 25 हजार खातेदारों की जमा पूंजी डूब गई थी।

घोटाले के बाद सीजीएम कोर्ट के निर्देश पर पुलिस ने बैंक मैनेजर उमेश सिन्हा का नारको टेस्ट करवाया था। टेस्ट की सीडी उपलब्ध कराई गई है। उन्होंने कहा कि पीसीसी अध्यक्ष नंदकुमार पटेल और उनके बेटे दिनेश पटेल इसका खुलासा करने वाले थे। इसलिए राज्य सरकार ने साजिश करके उन्हें दरभा के झीरमघाटी में उनकी हत्या करवा दी। इस खुलासे को रोकने के लिए भाजपा सरकार ने कांग्रेस के 30 नेताओं की हत्या करवाई।

उन्होंने कहा कि नारको टेस्ट में मैनेजर उमेश सिन्हा ने बयान दिया है कि इंदिरा बैंक का घोटाला उजागर होने के बाद मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह को एक करोड़ रुपए दिए गए थे। घोटाले पर कार्रवाई रोकने के लिए तत्कालीन सहकारिता मंत्री रामविचार नेताम को दो करोड़ रुपए दिए गए। इसके अलावा तत्कालीन डीजीपी ओपी राठौर को एक करोड़ दिए गए।

स्थानीय विधायक बृजमोहन अग्रवाल , राजेश मूणत को भी एक-एक करोड़ रुपए दिए गए। भूपेश बघेल ने कहा कि इस मामले में पूरी सरकार दोषी है। मुख्यमंत्री सहित सभी मंत्रियों को तत्काल अपने पद से इस्तीफा दे चाहिए। उन्होंने कहा कि नारको टेस्ट की इस सीडी को कोर्ट में जमा भी नहीं किया गया है। अगर कोर्ट में यह सीडी आ जाती तो सरकार को इस्तीफा देना पड़ता।

इसी सीडी में मैनेजर यह कहते हुए दिखाया गया है कि वे ख़ुद मुख्यमंत्री रमन सिंह से मिले थे और उन्हें वह बैग सौंपा था, जिसके बारे में बैंक की चेयरपर्सन रीता तिवारी ने कहा था कि उसमें एक करोड़ रुपए हैं। उन्होंने आरोप लगाया है कि रीता तिवारी ने सभी राजनीतिज्ञों को पैसे भिजवाए थे। वे सीडी में ये कहते हुए दिखते हैं कि बैंक की चेयरपर्सन रीता तिवारी ने ‘बैंक से नौ करोड़ रुपए लिए थे’। उनके अनुसार बैंक के बोर्ड आफ डायरेक्टर्स के दूसरे सदस्यों ने बैंक से करोड़ों की राशि इधर उधर की और राजनीतिज्ञों को इसलिए पैसे दिए गए क्योंकि वो ही उन्हें बचा सकते थे।

कांग्रेस के प्रवक्ता शैलेष नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि उनके पास इस बात के प्रमाण मौजूद हैं कि जाँचकर्ताओं ने इस मामले की सीबीआई जाँच की सिफ़ारिश की थी लेकिन सरकार ने इसे दबा दिया। कांग्रेस नेता भूपेश बघेल ने मुख्यमंत्री और सभी मंत्रियों से तत्काल इस्तीफ़ा देने की मांग की है। उनका कहना है कि यह सीडी सरकार के भ्रष्ट चेहरे को उजागर करती है और इसके बाद मुख्यमंत्री और मंत्रियों को कोई नैतिक अधिकार नहीं है कि वे पद पर बने रहें। उन्होंने कहा कि जैसा कि जाँच अधिकारियों ने कहा था इस मामले की सीबीआई जाँच करवाई जानी चाहिए।

वर्ष 2006 में जब यह मामला उजागर हुआ था, तो इस बैंक में 23,000 खाताधारक थे। इस मामले में एफआईआर दर्ज कर बैंक के कुछ निदेशकों को गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद राज्य सरकार ने जांच बैठाई थी। अदालत ने मामले की जांच कर रही एजेंसियों को निर्देश दिया था कि वह बैंक के मैनेजर उमेश सिन्हा का नार्को टेस्ट करे। नियमों के मुताबिक इस टेस्ट की वीडियोग्राफी भी की गई।

कांग्रेस का आरोप है कि जब इस वीडियो के बारे में छत्तीसगढ़ सरकार को पता चला, तो उसने अदालत में सौंपने से पहले वीडियो से छेड़छाड़ की। यह सीडी न केवल रमन सिंह बल्कि भाजपा आलाकमान के लिए भी बड़ा सिरदर्द साबित हो सकती है। लेकिन यह नया मामला खुलने से रमन सिंह के लिए मुसीबत खड़ी हो सकती हैं, क्योंकि छत्तीसगढ़ में बहुत जल्द विधानसभा चुनाव होने वाले हैं और ऐसे में यह सीडी कांग्रेस के लिए बड़ा हथियार साबित हो सकती है। http://bhadas4media.com

रायपुर से आरके गांधी की रिपोर्ट.

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