मतदान केन्द्रों पर मतदाता की पहचान के निर्देश जारी

parliament election 2014-1अजमेर। निर्वाचन विभाग ने मतदान केन्द्रों पर मतदाता की पहचान करने हेतु निर्देश जारी किए हैं। आयोग ने मतदान के समय किसी भी प्रतिरूपण को रोकने और स्वतंत्र तथा निष्पक्ष निर्वाचन सुनिश्चित करने के लिए यह निर्देश जारी किए है।
जिला निर्वाचन अधिकारी श्री भवानी सिंह देथा ने बताया कि निर्वाचक की पहचान, निर्वाचक नामावली में उसकी प्रविष्टि, निर्वाचक के फोटो पहचान पत्र, फोटो निर्वाचक नामावली पर निर्वाचक के फोटो चित्र या भारत निर्वाचन आयोग द्वारा विहित अन्य वैकल्पिक दस्तावेजों में से किसी के संदर्भ में, प्रथम मतदान अधिकारी द्वारा समुचित रूप से सत्यापित होनी चाहिए।
निर्वाचक की पहचान होने के पश्चात उसके बायें हाथ की की तर्जनी द्वितीय मतदान अधिकारी द्वारा अमिट स्याही से चिन्हित की जाएगी। द्वितीय या, यथास्थिति, तृतीय मतदान अधिकारी द्वारा सुनिश्चित करने के पश्चात कि अमिट स्याही का चिन्ह सम्यक रूप से लगाया गया है और मिटाया नहीं गया है, मतदाता की अंगुली का निरीक्षण करने के पश्चात मतदाता को मतदाता पर्ची सौंप देनी चाहिए। यह सुनिश्चित करना चाहिए कि अमिट स्याही का चिन्ह लगाए जाने के पश्चात पर्याप्त समय व्यतीत हो चुका है, ताकि चिन्ह उस समय तक सुख सके, जब वह मतदान केन्द्र से जाए। इस प्रयोजन के लिए, अमिट स्याही का चिन्ह लगाए जाने के पश्चात ही हस्ताक्षर या अंगूठा निशानी मतदाताओं के रजिस्टर में प्राप्त की जाए। उन्होंने बताया कि प्रथम मतदान अधिकारी द्वारा किसी निर्वाचक की पहचान सत्यापित किए जाने के पश्चात और यदि उस निर्वाचक की पहचान के बारे में कोई चुनौती नहीं दी गई है, तो द्वितीय मतदान अधिकारी द्वारा यथाशीघ्र उसकी बायें हाथ की तर्जनी पर किसी अन्य अमिट स्याही के चिन्ह का निरीक्षण किया जाएगा। यदि अंगुली पर कोई चिन्ह दिखाई न दें तो द्वितीय मतदान अधिकारी निर्वाचक की बायें हाथ की तर्जनी पर अमिट स्याही इस प्रकार से लगाएगा की स्याही का चिन्ह स्पष्ट दिखें। यदि कोई निर्वाचक अनुदेशों के अनुसार अपनी बायीं तर्जनी का निरीक्षण या चिन्हित करवाने से इंकार करें या उसकी बायीं तर्जनी पर ऐसा कोई चिन्ह पहले से ही हो या स्याही को हटाने की दृष्टि से कोई भी कृत्य करें तो उसे मत देने को अनुमत नहीं किया जाए।
उन्होंने बताया कि यदि किसी मामले में ऐसा देखने मेें आया की किसी निर्वाचक ने अपनी अंगुली पर लगाए जाने वाले अमिट स्याही के चिन्ह को प्रभावहीन करने के लिए अपनी अंगुली पर चिकनाई युक्त पदार्थ लगा लिया है तो उस निर्वाचक की अंगुली पर अमिट स्याही का चिनह लगाने से पूर्व उपलब्ध कराए गए कपडे के टुकडे की सहायता से ऐसा पदार्थ मतदान अधिकारी द्वारा हटाया जाना चाहिए।
श्री देथा ने बताया कि नये सिरे से मतदान (पुर्नमतदान) या प्रत्यादिष्ट मतदान के समय मूल मतदान में अमिट स्याही से लगाए गए चिन्ह पर ध्यान नहीं दिया जाना चाहिए। ऐसी स्थिति में मतदाता के बायें हाथ की मध्यमा अंगुली पर अमिट स्याही से नया चिन्ह लगाया जाए। यदि किसी निर्वाचक के बायें हाथ की तर्जनी अंगुली न हो तो यह स्पष्ट किया जाता है कि अमिट स्याही उसकी ऐसी किसी भी अंगुली पर लगाई जानी चाहिए जो उसके बायें हाथ में हों। यदि उसके बायें हाथ में कोई भी अंगुली न हो तो स्याही उसके दायें हाथ की तर्जनी अंगुली पर लगाई जानी चाहिए। यदि उसके दायें हाथ की तर्जनी अंगुली भी न हो तो उसके दायें हाथ की किसी भी अन्य अंगुली पर अमिट स्याही लगाई जानी चाहिए। यदि मतदाता के किसी भी हाथ पर कोई भी अंगुली न हो तो स्याही उसके बायें या दायें हाथ के सिरे (ठूंठ) पर लगाई जानी चाहिए।
जिला निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि मतदान के समय प्रतिरूपण को रोकने के क्रम में आयोग ने अनुपस्थित, स्थानांतरित और मृत निर्वाचकों के संबंध में निर्देश दिए है। उन्होंने बताया कि ए.एस.डी. मतदाताओं की सूची मतदान केन्द्र के अनुसार तैयार की जानी चाहिए और यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए और ये सुनिश्चित किया जाना चाहिए की प्रत्येक पीठासीन अधिकारी को यह सूची उपलब्ध करा दी गई है।

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