सबके सहयोग से बढ़ी नानकिया की जल आवक

अजमेर 8 अप्रेल । पीसांगन ब्लाॅक के नागेलाव गांव के नानकिया तालाब पर मुख्यमंत्राी जल स्वावलम्बन अभियान के अन्तर्गत कार्य होने से वहां पानी की आवक बढ़ेगी तथा ग्रामीणों को अपनी आवश्यकताओं के लिए जल सहज उपलब्ध हो पाएगा।
नागेलाव सरपंच श्री प्रहलाद गुर्जर ने बताया कि आबादी के पास स्थित नानकिया तालाब जो कभी ग्रामीणों तथा राहगीरों के लिए पानी का बारहमासी स्त्रोत हुआ करता था। इसे उपेक्षा कहंे या आवयश्कता पर खरे नहीं उतरने का परिणाम-नानकिया तालाब में पानी की आवक कम हो गई और यह एक बरसाती खड्डे में तबदील हो गया। मुख्यमंत्राी जल स्वावलम्बन अभियान के बारे में सूचना तथा जानकारी प्राप्त होने पर श्री गुर्जर ने नानकिया का कायाकल्प करने के लिए स्थानीय अधिकारियों से सम्पर्क किया। नानकिया तालाब को नरेगा योजना अन्तर्गत माॅडल तालाब के रूप में विकसित करने का कार्य हाथ में लिया गया था। जिसके अन्तर्गत तालाब से अनावश्यक मिट्टी हटाने, घाट निर्माण करने तथा तालाब की पाल पर पेड़-पौधे लगाए जाने का का कार्य किया जाना था।
श्री प्रहलाद गुर्जर ने अपने अनुभव के बारे में जिक्र करते हुए बताया कि नानकिया तालाब एक बार पुनः नागेलाव के लिए जीवनदायिनी बने, इसके लिए जल संरक्षण से जुड़े विभागों की संयुक्त टीम द्वारा निरीक्षण किया गया। विशेषज्ञों ने अपनी रिपोर्ट में दर्शाया कि तालाब में पानी की आवक वाले स्थान में मिट्टी का भराव हो जाने से पानी तालाब में नहीं आता है। आव में कंटीली झाडि़यां तथा खरपतवार अधिक मात्रा में पैदा हो जाने से पानी के तालाब की तरफ का प्रवाह अवरोधित हो जाता है। साथ ही सड़क पुलिया के पास से तटबंध क्षतिग्रस्त हो जाने के कारण वर्षा जल अन्यत्रा बह जाता है।
रिपोर्ट से प्राप्त कमियों को दुरूरूत करने के लिए जनप्रतिनिधियों, अधिकारियों तथा ग्रामीणांे की संयुक्त बैठक रखी गई। बैठक में मुख्यमंत्राी जल स्वावलम्बन का आगाज नानकिया तालाब से करने के लिए एक राय में सहमति व्यक्त की गई। ग्रामीणों ने तन, मन, धन तथा मशीन से पर्याप्त सहयोग के लिए आश्वासन दिया। इस प्रकार 27 जनवरी 2016 को पीसांगन के ब्लाॅक स्तरीय कार्यक्रम के लिए नानकिया का चुनाव किया गया। इस दिन समस्त व्यक्ति अपने सामथ्र्य के अनुसार आव को उपयोगी बनाने के लिए कार्य करने के लिए निर्धारित समय पर नानकिया में एकत्रा आए। श्रमदान के उत्साह को समस्त अभिकरणों के सहयोग से कायम रखते हुए 15 दिवस में नानकिया का कायाकल्प कर दिया गया। इसमें स्थानीय विधायक, पीसांगन पंचायत समिति प्रधान, स्थानीय श्री देवनारायण मन्दिर के पुरोहित सहित ग्रामीणों ने श्रम तथा मशीनरी का सदुपयोग कर आगामी बारिश के जल को सहजने के लिए धरती मां का आंचल इन्द्र देव के सामने फैला दिया। इस नानकिया रूपी आंचल में बरसाती पानी संचित होने से प्राणी मात्रा को पेयजल के साथ ही भुगर्भ के जल का भी पुर्नभरण होने से नागेलाव की धरती माता पुलकित हो जाएगी।

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