जिलों का जायजा लेंगे मंत्री, पदाधिकारी

राजस्थान विधानसभा के अगले साल अंत में होने वाले चुनाव को देखते हुए प्रदेश की कांग्रेस सरकार और संगठन सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन की समीक्षा में जुट गए है।

योजनाओं के क्रियान्वयन की समीक्षा के लिए प्रदेश सरकार के मंत्रियों एवं प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पदाधिकारियों को जिलों में भेजकर जमीनी हकीकत जानने के लिए कहा गया है।

मंत्री और कांग्रेस पदाधिकारी दो से चार अक्टूबर तक जिलों में जाकर विधानसभा क्षेत्रवार सरकारी योजनाओं की समीक्षा करेंगे।

मंत्री जिला कलेक्टर सहित सभी अधिकारियों की बैठक लेकर प्रत्येक सरकारी योजना के क्रियान्वयन के हालात जानेंगे। मंत्री और पदाधिकारी जिला कांग्रेस कमेटियों के कार्यालय में कार्यकर्ताओं की बैठक भी लेंगे। इस बैठक में एक साल बाद होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर पार्टी की स्थिति के बारे में फीडबैक भी लेंगे।

मंत्रियों और पदाधिकारियों को जिलों में भेजने का निर्णय कांग्रेस आलाकमान के निर्देश पद लिया गया है। इनसे मिलने वाली रिपोर्ट मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के माध्यम से कांग्रेस आलाकमान तक पहुंचाई जाएगी। इसी के साथ राजस्थान प्लैगशिप कमेटी के अध्यक्ष अश्क अली टांक भी अगले माह में प्रदेश के सभी जिलों का दौरा करेंगे। वे केन्द्र एवं राज्य सरकार की प्लैगशिप योजनाओं की रिपोर्ट तैयार कर पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव मुकुल वासनिक को भेजेंगे।

गौरतलब है कि प्रदेश सरकार द्वारा नि:शुल्क दवा योजना, मुख्यमंत्री अल्प आय वर्ग आवास योजना, पशुओं के लिए नि:शुल्क दवा योजना, फसल बीमा योजना सहित एक दर्जन जनता से जुड़ी योजनाएं संचालित किए जाने के बावजूद राज्य में कांग्रेस की स्थिति को लेकर अच्छा संदेश नहीं मिल रहा है।

पार्टी आलाकमान तक यह यह जानकारी पहुंची है कि राज्य में एक साल बाद होने वाले विधान सभा चुनाव में कांग्रेस को भारी नुकसान हो सकता है। इसी से चिंतित आलाकमान ने पिछले दिनों मुख्यमंत्री अशोक गहलोत एवं प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डॉ.चन्द्रभान को हालात सुधारने के निर्देश दिए थे।

मुख्यमंत्री को पिछले दिनों दिल्ली बुलाकर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी,उनके राजनीतिक सचिव अहमद पटेल,प्रदेश प्रभारी महासचिव मुकुल वासनिक ने हालात में सुधार करने के लिए कहा था।

मुख्यमंत्री विरोधी गुट लगातार दिल्ली में उनके खिलाफ यही कह कर लॉबिंग कर रहा है कि गहलोत के मुख्यमंत्री विरोधी रहते फिर से सत्ता में लौटना मुश्किल है। विरोधी खेमे के विधायक कांग्रेस अध्यक्ष, महासचिव राहुल गांधी सहित सभी नेताओं से मिलकर अपना पक्ष रख चुके है।

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