सांभर साल्ट से सरकार झील परिसर को पुनः अपने कब्जे मंे लें

झील से सरकार को हजारांे करोड़ प्रतिवर्ष की होगी अधिक आय
झील मंे बिजली के खुले तार परिन्दों के लिए मौत का खतरा
दो हजार अवैध इकाईयां व अनेक रिफाईनरीयां फैला रही है प्रदूषण

हाल ही मंे सांभर झील मंे हजारों पक्षियों की मौत के मामले मंे पीपुल फाॅर एनीमल्स के प्रदेश प्रभारी बाबूलाल जाजू ने कहा कि झील परिसर मंे सांभर साल्ट लिमिटेड द्वारा 90 वर्ग किमी की झील को ओने पोने दामों मंे लीज पर लेकर सरकार के कारिन्दों की मिलीभगत से सैकड़ों अन्य नमक उत्पादकों को लीज पर देने से सरकार को प्रतिवर्ष हजारों करोड़ रूपये का चूना लग रहा है, सरकार यदि सांभर झील को अपने कब्जे मंे लेकर अन्य प्राईवेट उद्योगपतियों को लीज पर दे तो तो सरकार को हजारांे करोड़ रूपये प्रतिवर्ष अधिक आय हो सकती है।
जाजू ने आगे बताया कि जयपुर के सांभर, नागौर जिले के नांवा व अजमेर जिले में लगभग 2 हजार इकाईयां अवैध रूप से नमक उत्पादन कर रही है व अनेक रिफाईनरीयां चल रही है जो मोटे पैमाने पर प्रदूषण फैलाने का काम कर रही है। वहीं जाजू ने आरोप लगाया कि सांभर, नांवा में लगभग 500 बीघा जमीन पर अवैध अतिक्रमण भी सांभर साल्ट सहित अन्य नमक उत्पादकांे ने कर रखा है। नमक इकाईयांे द्वारा बिना अनुमति के हजारों ट्यूबवेल खोदकर अवैध रूप से खुले बिजली के तार डालकर सांभर झील से पानी लिया जा रहा है व सैकड़ांे इकाईयों द्वारा बिजली चोरी भी की जा रही है। बिजली के खुले तारों के कारण भी परिंदेा की मौत होने का खतरा बना रहता है, इस खतरे को भांपते हुए सरकार के कारिंदो ने पिछले 15 दिनांे से प्रातः 8 से 6 बजे तक बिजली बंद भी कर रखी है। जाजू ने सरकार के पक्षियों की मौत के मामले को झूठा बताते हुए कहा है कि सरकार के द्वारा लगभग 25 हजार परिंदो की मौत बताई जा रही है जिन मृत पक्षियांे को दफनाया जा चुका है। अन्य 25 हजार से अधिक परिंदे नमक के पानी मंे घुलकर पानी मंे डायल्यूट हो चुके हैं, जिससे झील का पानी जहरीला हो चुका है, बावजूद उसके नमक उत्पादन जारी है। जाजू ने आगे बताया कि न्यायालय द्वारा झील परिसर की तयशुदा पैराफेरी मंे नमक उत्पादन पर रोक लगा रखी है। जाजू ने अजमेर जिले में पड़ने वाले सिनोदिया, जाग, बिलावत, रूपनगढ़, आउ, खाखड़की मंे सांभर झील के एरिये मंे 300 से 400 नमक उत्पादक इकाईयां अवैध रूप से अतिक्रमण करते हुए नमक उत्पादन कर रही है। जाजू ने आशंका जाहिर करते हुए कहा है कि सरकार द्वारा बड़े पैमाने पर मौत के मामले को रफा दफा करने के लिए पक्षियों की मौत का कारण बोटूलिज्म बीमारी बताया जा रहा है जबकि बोटूलिज्म एक तरह की फूड पोइजनिंग है जो पक्षियों के सांभर झील का प्रदूषित जहरीला पानी पीने से हुई है।
जाजू ने उक्त मामले मंे राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र लिखकर सांभर साल्ट लि. को लीज पर दी गई झील को पुनः सरकार के कब्जे में लेकर अन्य उद्योगपतियों को लीज पर देने, उक्त मामले में केन्द्रीय वन, पर्यावरण व जलवायु परिवर्तन मंत्री प्रकाश जावेडकर को सांभर झील का व्यक्तिगत रूप से अवलोकन कर दोषियों के खिलाफ कार्यवाही करने व नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के चेयरपर्सन आदर्श कुमार गोयल को पत्र लिखकर मामले की निष्पक्ष एजेन्सी से उच्चस्तरीय जांच की भी मांग की है।

BABU LAL JAJOO

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