बीसलपुर से जयपुर को आपूर्ति पर लगे तत्काल रोक – देवनानी

अजमेर। अजमेर उत्तर विधायक प्रो. वासुदेव देवनानी ने प्रदेश में मानसून की बेरूखी के चलते बीसलपुर बांध में पानी के दिनो-दिन घटते जलस्तर पर अपनी चिंता व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मांग की है कि जयपुर को की जा रही जलापूर्ति पर तत्काल रोक लगायी जाऐं अन्यथा अजमेरवासियों को आगामी छः माह के बाद पेयजल उपलब्ध नहीं हो पाएगा।
उन्होंने अपने कार्यालय से जारी प्रेस विज्ञप्ति में अजमेर जिले की पेयजल व्यवस्था को एक मात्र बीसलपुर बांध पर निर्भर बताते हुए कहा कि अजमेर के जनप्रतिनिधियों व जनता द्वारा पिछले लम्बे समय से सरकार का ध्यान इस ओर आकृष्ट करते हुए जयपुर को की जा रही आपूर्ति पर रोक लगाये जाने की मांग की जा रही है परन्तु रोक लगाना तो दूर उलटे सरकार द्वारा जयपुर को की जा रही आपूर्ति दिनों-दिन बढ़ायी जा रही है। पूर्व में भाजपा सरकार के समय जयपुर को मात्र 70 मिलियन लीटर पानी प्रतिदिन सप्लाई किया जाता था, परन्तु आज दुःखद स्थिति यह है कि अजमेर को 250 व जयपुर को 350 मिलियन लीटर पानी प्रतिदिन सप्लाई किया जा रहा है जबकि बीसलपुर बांध परियोजना का निर्माण ही अजमेर जिले की पेयजल आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए किया गया था। यह अत्यन्त दुर्भाग्यजनक स्थिति है कि जनता के विरोध को दरकिनार कर आज जयपुर को अजमेर से डेढ़ गुना अधिक पानी सप्लाई किया जा रहा है।
यह भी आरोप लगाया कि राज्य सरकार की उपेक्षापूर्ण व भेदभाव बरते जाने की नीति के कारण आज तक अजमेर जिले के कई गांव व कस्बे बीसलपुर परियोजना से नहीं जुड़ पाऐं है। इसका ताजा उदाहरण गत दिनों सामने आया जब अजमेर शहर की पेराफैरी में स्थित गांवों को इस योजना से जोड़ने वाले पीसांगन प्रोजेक्ट हेतु जारी वित्तीय स्वीकृति के अन्तर्गत अजमेर उत्तर विधान सभा क्षेत्र में स्थित हाथीखेड़ा, अजयसर व खरेखड़ी गावों को बाहर निकाल दिया गया जबकि ये गांव पूर्व में भाजपा राज में बने इस प्रोजेक्ट में शामिल थे।
उन्होंने मुख्यमंत्री के अजमेर आगमन पर उनको चेताया कि बार-बार अजमेर की जनता के हितों पर कुठाराघात करने से बाज आऐ एवं इस सम्बंध में तत्काल आवश्यक कदम उठाते हुए जयपुर को बीसलपुर से की जा रही आपूर्ति पर रोक लगायी जाऐं अथवा जलापूर्ति की मात्रा घटायी जाऐं जिससे अजमेरवासियों का हक प्रभावित ना हो। ऐसा नहीं करने पर आगामी कुछ माह बाद अजमेर की जनता को प्यासा रहने पर मजबूर होना पड़ेगा जिसकी समस्त जिम्मेदारी वर्तमान प्रदेश सरकार की होगी।

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