राजस्थान लोक सेवा आयोग में बेशर्मी की वर्षगांठ

राजस्थान लोक सेवा आयोग ने अपना स्थापना दिवस मनाया जो की २० अगस्त को था जिस दिन अखबारों में समाचार आया की राजस्थान लोक सेवा आयोग ने कहा हम क्या करे परीक्षको ने ही उत्तर कुंजी गलत दी थी.
हो सकता है परीक्षको ने ही उत्तर कुंजी गलत दी हो पर क्या परीक्षक रेलवे के खल्लासी थे क्या अरे भई लोक सेवा आयोग का परीक्षक होना बहुत बड़ी बात होती है पर जैसा की हिन्दुस्तान के लोक प्रशासन में भाई भतीजावाद और लापरवाही की पुरातन परम्परा है इस प्रकार की गलत उत्तर कुंजी मिलना कोई नयी बात नहीं है.
अब तो हालत ये हो गए है की हो सकता है अपने परीक्षा दी पास हो गए हो साक्षात्कार हुआ हो पास हो गए हो और मेडिकल के बाद नौकरी भी लग गयी हो और फिर एक दिन अदालत का आदेश आये की परीक्षा गलत थी नौकरी से निकालो नयी मेरिट लिस्ट बनाओ.
और ये कपोल काल्पनिक कहानी नहीं है सच में हो चूका है एक बार तो राजस्थान न्यायिक परीक्षा में भी हुआ था.
इतना सब कुछ होने के बाद राजस्थान लोक सेवा आयोग धूमधाम से हंस गा कर अपना स्थापना दिवस बनाये और अपनी उपलब्धियो का ढींढोरा पीटे बड़े शर्म का मुकाम है इसके कर्णधारो के लिए.
इसी लिए हमेशा भारत को महान कहा गया है.
-ऐतेजाद अहमद

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