आखिर मरीजों के प्रति डॉक्टरों का व्यवहार ऐसा क्यों?

pappu kumar
पप्पू कुमार बृजवाल

आधे घंटे तक तड़पते रहे मरीज डॉक्टर करते रहे घायलो के परिजनों से बहस
रविवार रात्रि को बाड़मेर जिले के शिव थाना क्षेत्र के अागोरिया फांटा के पास सेना के ट्रक और बोलेरो की आमने सामने भिड़त हो गई जिसमे दस लोगो को गंभीर चोटे आई। घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस व 108 एम्बुलेंस मोके पर पहुंची और घायलो को राजकीय अस्पताल पहुँचाया गया जंहा मरीजों के परिजनों और राजकीय अस्पताल के हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉक्टर सुरेन्द्र चौधरी के बीच दवाई पर्ची को लेकर कहासुनी हो गई उसके बाद भगवान कहे जाने वाले डॉक्टरों ने मरीजों को तड़पता छोड़ कर इमरजेंसी वार्ड से बाहर आ गए। डॉक्टरों व मरीजों के परिजनों के बीच करीब आधे तक आपसे में बहस चलती रही इस दौरान राजकीय अस्पताल के पीएमओ डॉक्टर हेमंत सिहंल डॉक्टरों से समझाईस करते रहे लेकिन डॉक्टरों ने छोटी सी बात को लेकर अपने अधिकारियो के आदेशो को भी दर किनार कर दिया। इतना ही नहीं डॉक्टर सुरेन्द्र चौधरी मरीजों के परिजनों से उलझ कर धमकिया दे रहे थे की सरकार की हमे जरूरत नहीं है बल्कि सरकार को हमारी जरूरत है मामला इतना बढ़ गया की जिले के मुख्या मधु सूदन शर्मा को मोके पर आना पड़ा और डॉक्टरों व मरीजों के परिजनों से समझाईस कर मामला शांत करवाया । करीब आधे घंटे तक चले इस घटनाक्रम के दौरान डॉक्टरों को इतना भी ख्याल नहीं आया की तड़प रहे मरीजों का इलाज किया जाए।  खैर जो कुछ भी हुआ उसमे घायलो के परिजनों का इतना कसूर था उन्होंने डॉक्टर से दवाई पर्ची के बारे में पूछ लिया। जिला कलेक्टर साब को इस पुरे मामले में जांच करवानी चाहिए ताकि भविष्य में आगे ऐसी गलती नहीं करे।

@पप्पू कुमार बृजवाल @

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