मूल: लावण्या शाह
इन्सां
तपती हुई धरती से
ठहरे हुए सहरा से
मुश्किल हर लम्हे से
इन्सां ही निकालता है
हर राह नई नई
जिन पर चलकर
आई हैँ, पीढ़ियाँ
इतिहास नया रचने
सेतु समय पर बांधने
इस २१ वीँ सदी मेँ !
पता : ७०६२, मिडलटन वे, मेसन, ओहायो ४५०४०, यु. एस. ए.
सिन्धी अनुवाद: देवी नागरानी
इन्सां
ततल धरतीअ मां
माठ जी सहरा मां
मुश्किल हर लम्हे मां
इन्सान ई कढंदो आहे नित नईं-नईं वाट
जंहि ते हली करे
आयूं आहिन, पीढ़ियूं
नंओं इतिहास रचण लाइ
पुल वक़्त ते बधण लाइ
हिन २१ ईंअ सदीअ मेँ !
USA -480 W Surf Street, Elmhurst IL 60126।
ॐ
नमस्ते आदरणीया देवी जी
आपकी कृपा से , आपके सौजन्य से मेरी कविता और उसका
सुन्दर अनुवाद सिंधी भाषा में आपकी कलम से
‘ अजमेरनामा ‘ पर देखा और खुशी हुई
साथ साथ आपके स्नेह के प्रति भी आभारी हूँ।
स्नेह यूं ही बकरार रहे !
आप बड़ी हैं ! आपके आशीर्वाद बने रहें !
यही दुआ है।
अनेकों धन्यवाद सहित ,
सादर, स स्नेह
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