मूल: हेमंत उपाध्याय
प्रेम
मैं
नवजात चिड़िया
सात कदम कर न सकूँ पार!
तुम राजहंस
पार कर चुके सात समंदर ,
कई बार
फिर भी—
मेरे सहचर हो तुम
यही प्रेम का विस्तार है !
संपर्क: हेमंत उपाध्याय, साहित्य कुटीर, पं.राम नारायन जी उपाध्या), वर्ड क़्र 43, खंडवा(मप्र) 450001। 942499839
सिंधी अनुवाद: देवी नागरानी
प्रेम
माँ
नओं जावल परिंदो
न करे सघाँ पार सत कदम
तूँ
राजहंस
पार करे चुकें सत समुंढ
केतराई भेरा
पो बि- मुहिंजो साथी आहीं
इहोई प्रेम जो विस्तार आहे!
संपर्क: 480 वेस्ट सर्फ स्ट्रीट, एल्महर्स्ट, IL-60126
Very nice heart touched translation in Sindhi,
Hemant UPadhyay Laghukathakar Vyangykar Kavitakar Lalit Nibandhkar gangour Sadhana Kendra Sahitya Kuteer pandit Ram Narayan Upadhyay ward Khandw MP India 450001 mo9425086246 9424949839 facebook hemantgangour17@gmail.com