बुरा ना मानो….हक है मेरा
मेरा नायक आप पहचान तो गये होगें हनीमून वाला, बडा ही सीधा साथा मध्यमवर्गी पति । बस आज उसी के बारे में लेख लिखने का मन कर गया । नायक की पत्नी थोडी कडक स्वभाव की पर मन की अच्छी । यह लेख पढकर आपभी सोचना कहीं मेरे नायक मंे आपको अपनी झलक तो नहीं दिख रही । चलिये शुरूआत करते हैं पहले तो वो जो पति पत्नी आपस में संवाद करते हैं ।
‘‘आप में तो अक्ल ही नहीं, कुछ समझते ही नहीं, वास्तक में आप हो पुरानी सदी के, बेकार आदमी, भगवान को भी मुझसे क्या दुश्मनी थी जो तुम जैसा मेरे पल्ले बांध दिया, क्यों परायी बच्ची को सताते हो, दिमाग में तो गोबर भरा है, हो तो सच्ची में तुम घनचक्कर ।’’ यह सब सुन कर मेरा नायक मन ही मन दुखी हो रहा था । इतने में ही घर की घंटी बजी, कुछ महेमान नायक की पत्नी की तरफ से आये थे । जैसे तैसे माहौल ओके करने की कोशिश मेरा नायक और उसकी पत्नी करने लगे ।
महेमानों में आयी एक महिला ने पूछ ही लिया कैसा स्वभाव है आपके पति का । बेचारा मेरा नायक घबरा गया, सकपका गया कहीं टेप रिवाइड हो गई तो इज्जत का फालूदा बन जायेगा, और बस आज तो यार, गई भैंस पानी में । पर मैंने आपसे कहा था ना नायक की पत्नी मन की बहुत अच्छी थी । बस फिर क्या था सिक्के का दूसरा पहलू सामने आगया । नायक की पत्नी बोली – ‘‘अरे क्या बताउ तुम्हें वर्ल्ड के बेस्ट पति हैं, सो केरियंग, इतना ध्यान रखते हैं ना मेरा मैं बता नहीं सकती, बडा ही मार्डन आउटलुक है, सो इन्टेलिजेन्ट, अरे मैं तो कहती हूं ये हसबैंड नहीं ये तो सुपर हसबैंड है ।’’ मेरे नायक के हाथ में तो पानी का ग्लास था वो निर्णय नहीं कर पा रहा था पी लू या रख दूं । इतना बदला हुआ रूप एकदम । वाह रे भगवान तेरी लीला अपंरमपार है । मेहमान चले जाने के बाद नायक ने कहा एकेले में तो तुम मुझे बुरा बुरा सुनाती हो । नायक की पत्नी ने बडे ही रोमेंटिक अंदाज़ में उसके गले में हाथ डालते हुये कहा- बुरा ना मानाकरो……ये तो हक है मेरा ।
मेरी सलाह है कभी कभी कुछ बुरी चीजों में भी बहुत गहरा प्यार छिपा होता है । पतियों से मेरा अनुरोध है प्लीज़ भाभीजी कुछ भी कहें आप दिल पर मत लिया करो । क्योंकि उनका मीनिंग वो नहीं जो आपने सुना ।