शायद ना कभी आपके जहन में ये ख्याल आया है,
कि खुदा ने आपको कितनी फुरसत से बनाया है।
आपकी आँखें देखी तो दिखा कि इनमें कोई कहानी है,
या शायद खुदा ने कहानी के आगाज के लिए इन्हें बनाया है।
आपकी खुलती और बन्द होती पलकें,
खुलने से बन्द होने के दरम्यान ये कहती हैं-
ये कहती हैं कि, खुदा ने खूबसूरत जहां बनाया है,
ये कहती हैं कि, खुदा ने जहां मे इश्क बनाया है,
ये कहती हैं कि, खुदा ने इश्क में परवाना बनाया है,
ये कहती हैं कि, खुदा ने परवाने को दिवाना बनाया है,
‘‘दिवानों ने ही जमाने में, मुहब्बत को बचाया है, वरना
जमाने ने तो परवानों को सदा आग में जलाया है।‘‘
आज आपको देखकर ही ये ख्याल आया है,
कि क्यूं खुदा ने ‘पाठक‘ को शायर बनाया है।
ये अदायें, ये चेहरा, ये जुल्फें, ये हुस्न सब बेमानी है,
हमें तो आपकी शराफत ने दिवाना बनाया है।
त्रिवेन्द्र कुमार ‘पाठक‘
8875066522