पढ़ो, पढ़ो और खूब पढ़ो

– स्नेह व समय

बलराम हरलानी
बलराम हरलानी
आजकल हर माता-पिता का सपना है कि उनका बच्चा पढ़ लिख कर होशियार हो जाये। गरीब से गरीब व्यक्ति अपने न्यूनतम साधनों में से शिक्षा सम्बन्धी खर्चों का एक अलग प्रावधान रखता है। पहले जो शादी के लिऐ सोच थी कि सारी बचत शादी में काम में आयेगी वो अब कुछ बदलने लगी है लोग अपने बच्चों की पढाई, कोंचिग आदि पर भी ध्यान देने लगे हैं। वे अपने बच्चों को जल्दी कमाई के साधन जुटाने के बजाय वे उसे कोई उच्च शिक्षा या डिग्री दिलवाने के लिऐ ज्यादा इच्छुक होते हैं।
अब लोगों ने पढाई के महत्व को अच्छी तरह समझ लिया है। जब वे अपने आस-पास देखते हैं कि होनहार बच्चों ने अपने माता-पिता और अपने खुद के जीवन स्तर को कितना बढा लिया और वर्तमान व भविष्य को सुरक्षित कर लिया तो बाकि समाज भी प्ररित होता है। आजकल तो विज्ञापन भी इन प्रेरणात्मक घटनाओं पर बनने लगे हैं जहां एक लडकी के पिता आॅटो चालक होते हुऐ भी अपनी बच्ची को उच्च शिक्षा दिलाकर उसे जीवन में एक अच्छा मुकाम दिलवाया।

ऐसा करने से उस बालिका व उनका आत्मसम्मान और बढा होगा। दिक्कतें कई आयी होगीं पर उन्होंने हार नहीं मानी। यदि व्यक्ति ठान लें तो कुछ भी असम्भव नहीं। तो क्यों ना हम भी बच्चों को उच्च शिक्षा व उचित मागदर्शन प्रदान करें। आजकल सरकारी योजनाओं व बैंकों की विभिन्न योजनाओं का लाभ उठा सकते हैं ताकि उच्च शिक्षा के मार्ग में कोई अवरोध ना आ सके। प्रयास तो हमें अपने स्तर पर ही करने होंगें। थोडी सी कोशिश से आप अपने बच्चों व परिवार का भविष्य बदल सकते हैं। आप उन्हें प्रेरक कहानियां सुनायें। आप अपने बच्चों के लिऐ बढा सोचना चालू कर दें। यदि आप नहीं कर पाये तो बच्चा आपका बडा काम व नाम कर सकता है। उसकी योग्यता की सही पहचान करें। हमेशा सकारात्मक रूख रखें ।
मेरी सलाह है कि आप बच्चों को स्नेह व समय दें । आपका उचित मागदर्शन उन्हें सफलता की नई नई उच्चाईयों पर पहुंचा सकता है । तो आज से, अभी से बच्चों से साथ उनके उज्जवल भविष्य के लिऐ प्रयास चालू कर दें । मेरा बहुत बहुत प्यार मेरे नन्हे पाठको व उनके अभिभावकों के लिऐ । खेल कूद और व्यायाम भी नित्य करें । स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मस्तिष्क का निवास होता है ।

error: Content is protected !!