मेल/ फ़ीमेल रेश्यो के गिरने का मूल कारण क्या सोनोग्राफी ही है ?

dr. ashok mittal
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ये प्रश्न विचारणीय है। जो डॉक्टर कन्या भ्रूण हत्या में सहायता करते हैं वे और उनकी सोनोग्राफी निश्चित तौर पर कानून के गुनहगार हैं। यहां ये भी ध्यान देने योग्य है की पूरा चिकित्सा समुदाय इस बुराई में लिप्त नहीं है, बल्कि स्वयं सतत चिंतनशील व अपने दायित्व के प्रति सजग भी है।
लेकिन क्या इस M:F अनुपात के घटने का कारण भ्रूण हत्या तक ही सीमित है या जन्म के बाद कन्या शिशु की हत्या होना भी है? या बीमार कन्या का इलाज़ न कराना जिससे की वो मौत के मुह में चली जाये, इन पर भी ध्यान देना आवश्यक है।ख़ास तौर से ग्रामीण परिवेश में जहाँ दूर दूर तक लोगों को सोनोग्राफी नसीब तक नहीं होती।
ये एक सामाजिक बुराई है जो सदियों से इस देश में व्याप्त है।इस बुराई का दोष सिर्फ और सिर्फ एक मेडिकल तकनीक पर डाल कर हम शायद बहुत बड़ी भूल कर रहे हैं। महिला की निजता का अधिकार, एबॉर्शन का अधिकार, आदि को नजर अंदाज़ न करते हुए एक सभ्य समाज को खुले मन से गहन विचार जरुर करना चाहिए की इस घटते लिंगनुपात के और क्या क्या कारण हैं जिनके रहते ये अनुपात घटता ही जा रहा है।
इस व्यापक सामाजिक कु सोच और गहराई तक व्याप्त बुराई की जड़ों को हम और सीचने की भयंकर भूल कर रहे हैं, यदि पूरा दोष चिकित्सा व्यवस्था पर मांड कर अन्य कारणों को भूल जाते हैं तो।
डॉ. अशोक मित्तल। मेडीकल जर्नलिस्ट।

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