बिहार मे एक अपराधी के कारण सरकार और गठबंधन दाव पर है। उत्तर प्रदेश मे जनता को भूलकर उस परिवार के सदस्य सत्ता पर कब्जे की लडाई मे उलझे हैं, जिनका पूरा कुनबा सत्ता से जुडा है। तमिलनाडु और कर्नाटक मे पानी आग लगा रहा है। दिल्ली मे मच्छर सरकार
और सिस्टम के कानों मे भुनभुनाता हुआ जनता का खून चूस रहा है। कश्मीर मे ढाई महीने से मानो सरकार है ही नहीं। सडक पर पत्थर बरसाते युवक हैं और सीमाओं के आसपास के इलाकों मे सुरक्षा बलों पर हमले करते पाकिस्तानी आतँकी। और जिन पर इन मुद्दों को सुलझाने की जिम्मेदारी हैं, वह महज बयानबाजी कर एक-दूसरे पर आरोपों का ठीकरा फोड रहे हैं। नेता जब तक देश से पहले अपनी पार्टी की और जनता से पहले वोटों बैँक की चिन्ता करेंगे। लोकतंत्र मे देश ऐसी मुसीबतेँ झेलता रहेगा। और लोकतंत्र का सबसे महत्वपूर्ण अँग जनता का क्या,वह तो खाट लूटने मे इतनी व्यस्त है कि उसे खुद और देश का लुटना नजर ही नहीं आता। जब चुनाव आएँगे तो फिर कोई अच्छे दिन आने और 15 लाख रूपए उनके खाते मे जमा कराने का झाँसा देकर सत्ता हथिया लेगा और बाद मे इन्हें चुनावी जुमला बता हाथ झाड लेगा। राजनीति का शायद अब यही उसूल हो गया है कि देश जल रहा है तो क्या हुआ, अपना धंधा तो चल रहा है।
ओम माथुर। 9351415379