आमिर अंसारी की कलम से —————-

मुझ जैसा कर्म योगी प्रधानमंत्री ही संघ के अखंड भारत के सपने को पूरा कर सकता है-मो.आज़म खां
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अब गद्दारी का प्रमाणपत्र बांटने वालों ने राहुल गाँधी,संजय निरुपम और केजरीवाल को भी इस उपाधी से नवाज़ कर देश में गद्दारों की तदाद बड़ा दी
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मो आमिर अंसारी
मो आमिर अंसारी
राष्ट्र के इन तथाकथित ठेकेदारों ने हमेशा बेचारे मुसलमानों को मामूली सी नाराजगी पर भी राष्ट्रद्रोह और गद्दारी का प्रमाणपत्र देने का काम किया है,अब जब देश की 110 साल की बूढ़ी पार्टी के जवान नेता राहुल गांधी को और दिल्ली के कुतुबमीनार, लालकिले, रामलीला मैदान कनाट पैलेस,डिफेन्स कालोनी,राष्ट्रपती भवन और प्रधानमंत्री निवास जैसे अधिकतर इलाकों से तथाकथित राष्ट्रवादियों का सफाया करने वाले अरविन्द केजरीवाल को इन लोगों ने देश का गद्दार करार दिया | बकौल ए प्रचारतन्त्र आज तक से राहुल कँवल और सुदर्शन न्यूज़ चैनल के चौहाणके जैसे दर्जनों पत्रकारों द्वारा स्वीकारा गया यह सच कि देश के सबसे प्रभावी मुस्लिम नेता मो.आज़म खां हैं तब यहाँ यह भी उल्लेख करना होगा कि गद्दारी का प्रमाणपत्र देने वाले संगठनों और लोगों ने सबसे ज्यादा बार गद्दारी का सर्टिफिकेट मो आज़म खान को ही दिया है आज पहली बार इन लोगों ने देश के दो बड़े राजनीतिक दलों के लोगों को इस दिल को तकलीफ पहुँचाने वाली उपाधी से सरफराज किया है |
बकौल ए आज़म खान “अब तक तो हम ही गद्दार, देशद्रोही थे और पाकिस्तानी एजेंट थे लेकिन अब दिग्विजय सिंह भी देश के गद्दारों में शामिल हो गए हैं. केवल इतना ही नहीं पूर्व राज्यसभा सांसद संजय निरुपम भी देशद्रोही हो गए हैं | इसके साथ ही राहुल गांधी और जितने भी कांग्रेस पार्टी के बड़े-बड़े नेता लोग हैं जिनका धर्म इस्लाम नहीं है और वो हमारे हिन्दू दोस्त हैं वो सभी अगर गद्दार हैं तो देश में अच्छी खासी गद्दारों की तादाद है | उन्होंने कहा कि इससे लगता ये है की देश का भविष्य अंधकार में है, पूरे देश को सोचना चाहिए और गद्दारों से निपटना चाहिए | ” वाराणसी में लगे पोस्टर जिसमें पीएम मोदी को राम, नवाज़ शरीफ को रावण और अरविंद केजरीवाल को मेघनाद बताया गया है इस पर आज़म खान ने कहा कि ”इन दिनों जो बीजेपी में नहीं है वो देशद्रोही हैं और बाकी ये जितने भी हैं वो ISIS के एजेंट हैं. उन्होंने कहा कि बीजेपी के मुताबिक वही देशभक्त हैं जो आरएसएस की शाखा में काम करते हैं.” | दुखिः मन से इन जुमलों को कहने वाले नेता देशवासियों से इन राष्ट्रभक्तों और संगठनों का इतिहास जानने और पढने का अनुरोध करते हुए यह कहते हैं कि जब अपनी घोषणाओं में किये गए वायदों को बादशाह ए वक़्त नरेंद्र मोदी पूरा नहीं कर सके तब अपनी लोकप्रियता को बचाने के लिए तथा लोगों का ध्यान गरीबी,बेरोजगारी,अशिक्षा,स्वास्थ ,सड़क-पानी-बिजली जैसे ज्वलंत सवालों से ध्यान भटकाने की नियत से भारतीय राजनीत में उन्होंने फ़िज़ूल सवाल खड़े करने का प्रयास किया है |
स्वयं भाजपा के सम्मानित नेता,पूर्व केन्द्रीय मंत्री और वरिष्ठ पत्रकार अरुण शौरी तथा पूर्व रक्षा मंत्री श्री शरद पवार यह कह चुके हैं कि सर्जिकल स्ट्राइक इसके पूर्व में भी उनकी सरकारों ने अंजाम दी हैं | इस तरह के शौर्य के लिये वीरता के प्रतीक भारत माँ के वोह सपूत होते हैं जो दिल दहलाने वाली गर्मी में राजस्थानी रेत के टीलों पर खड़े हो कर सरहद की हिफाज़त करते हैं और -10 डिग्री सेल्सियस में बर्फीली पहाड़ियों में रहकर अपनी निगहबानी से देश को सुरक्षित रखते हैं लिहाजा उनकी कुर्बानी का अपने दल के विस्तार के लिए उपयोग और उद्घोष करने का किसी को कोई अधिकार नहीं है | लेकिन मो.आज़म खां का यह जुमला एक ऐसी तारीखी राजनैतिक सच्चाई है जिसे खासतौर पर धर्मनिरपेक्ष सिद्धांत पर विश्वास रखने वाले लोग ही महसूस कर सकते हैं आज़म खां का यह कहना कि मौजूदा बादशाह ए वक़्त अखंड भारत की तस्वीर बनाने में कमज़ोर शासक प्रतीत होते हैं मुझ (मो.आज़म खां ) जैसा कर्म योगी प्रधानमंत्री ही संघ के अखंड भारत के सपने को पूरा कर सकता है |
इस समय भारतीय संसद (राज्यसभा) में हैदराबाद बम ब्लास्ट के समय मो आज़म खां के अनुयायी के रूप में चौधरी मुनव्वर सलीम का दिया गया वह भाषण उल्लेखनीय है जिसमे उन्होंने कहा था कि पकिस्तान में बैठे हुए आतंकी हिन्दोस्तान में बैठे हुए मुसलमानों की तकलीफ के संदर्भ में जब कुछ बोलते हैं तब हिन्दोस्तानी मुसलमानों के सिर शर्म से झुक जाते हैं लेकिन भारत वर्ष में दुशमन देशों में बैठे आतंकियों के बयानों के आधार पर कुछ नेताओं और दलों के वोट ज़रूर बड जाते हैं | मुनव्वर सलीम ने इसी भाषण में आगे यह भी कहा था कि हाफिज सईद और अजहर मसूद जैसे आतंकी हिन्दोस्तान की गिरफ्त में आना तभी संभव है जब मुलायम सिंह यादव जैसा बहादुर प्रधानमंत्री,मो.आज़म खां जैसा बेख़ौफ़ रक्षा मंत्री और मुझ जैसा व्यक्ती रक्षा राज्यमंत्री होगा | तब हम इन मुल्क दुशमनों का गिरेबान पकड़ कर इन्हें घसीट कर हिन्दोस्तान लायेंगे |
इसी प्रकार वह अखंड भारत जिसकी सीमाए बर्मा से शुरू हो कर अफगानस्तान तक जाती हैं जिस अखंड भारत का सपना मशहूर मुस्लिम थिंक टेंक अल्लामा इकबाल की इन पंक्तियों में नजर आता है कि –
“चीन ओ यमन हमारा,हिन्दोस्तान हमारा
हिन्दी हैं हम वतन,सारा जहां हमारा ”
बस यही बात तो मो आज़म खां ने कही है कि जब ईरान,अफगानस्तान ,बलूचिस्तान ,पकिस्तान बंगलादेश और बर्मा हिन्दोस्तान की सरहदों में शामिल हो जायेंगे और एक अखंड भारत की तस्वीर बनेगी तब फिर न गुजरात होगा,न मुज़फ्फर नगर होगा,न भिवंडी होगा,न बिहार शरीफ होगा, न मेरठ होगा ,न मलियाना होगा,न हाशिमपुरा होगा,न मुरादाबाद होगा चूँकि इन तमाम स्थानों पर प्रशासनिक व्यवस्थाओं की ऐसी शर्मनाक कमियाँ सामने आई थी जो अखंड भारत के वजूद में आ जाने के बाद लोकतंत्र में फिर नहीं दोहराई जा सकेंगी | इसलिए हम आज संघ प्रमुख मोहन भागवत जी को यह मशवरा भी देना चाहते हैं कि वह इस दशहरे के पावन अवसर पर सभी स्वयं सेवकों को ईरान से बर्मा तक सीमाओं को चौड़ा करने की शपथ दिलाते हुए यह भी कहे कि अब गाय-गंगा और मंदिर के साथ साथ सभी स्वयंसेवक प्राथमिकता के आधार पर अपनी-अपनी लाठियां लेकर हिन्दोस्तानी सरहदों को चौड़ा करने और अखंड भारत के सपने को साकार करने के लिए सरहदों की ओर जय हिन्द के उद्घोष के साथ कूच कर दें |

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