समाज में नारी की स्थिति

रश्मि जैन
रश्मि जैन
“फ़िर वही सवाल… फिर से वही बवाल… आखिर कब तक, कब तक हमारे समाज में ये सब चलता रहेगा… क्यों नारी को उसके अधिकारों से वंचित रखा जा रहा है… ये नारे कितने खोखले लगते है, जब कहा जाता है ‘नारी को पुरुषों के समान अधिकार है’ सभी क्षेत्रों में”….!!!
“मगर जब सच के धरातल पर कोई नारी पुरुष के समकक्ष नज़र आने लगती है… तो उसकी आलोचना के स्वर प्रखर होने लगते है… सारे दावे खोखले साबित होने लगते है” … आखिर क्यूँ …???
“हमारा समाज पुरुष प्रधान समाज होने की वजह से नारी का वर्चस्व बर्दास्त नही कर पाता… समाज की हर बुराई का दोष, क्यूँ नारी के सर मंढ दिया जाता है”…???
“कोई नारी उच्च शिक्षा प्राप्त करना चाहे तो पैसा बर्बाद करना जैसी समस्याए आड़े आ जाती है… लेकिन पुरुष का हक है उच्च शिक्षा प्राप्त करना”…
“कोई लड़का किसी से मोहब्ब्त करे तो शौक , लेकिन कोई लड़की करे तो कुलटा…!!!
“किसी पुरुष की पत्नी के ना रहने पर दूसरा विवाह करना उसकी जरूरत, लेकिन किसी महिला के विधवा विवाह पर समाज का विरोध… आखिर क्यूँ और कब तक” …!!!
“गाँवों में महिलाओँ की स्थिति बद से बदतर होती जा रही है… कब तक दोहरी मानसिकता का बोझ ढोते रहेंगे हम सब”…
‘आखिर ये दोहरे मापदण्ड क्यूँ’ …???
“नारी तो हमेशा से पूज्या रही है सिर्फ भोग्या नही समाज के उत्थान में हमेशा नारी की सहभागिता रही है”…
“प्राचीनकाल में राजा- महाराजा भी राजनैतिक कार्यो में अपनी महारानी से सलाह मशवरा किया करते थे”… तो फिर परिवार में नारी को क्यूँ वो सम्मान नही दिया जाता जिसकी वो हकदार है…
“क्यूँ उसे घर की चारदिवारी के अंदर ही देखना चाहते है सब… क्यो उसे उसके सपनो की उड़ान भरने से रोका जाता है”…
“शिक्षित नारी तो सभ्य समाज की पहचान है… एक शिक्षित माँ बच्चों को अच्छा भविष्य दे सकती है… जरूरत पड़ने पर पति के साथ उसके काम में हाथ बंटा सकती है”…
“जबकि अशिक्षित नारी सिवाय भाग्य को कोसने के अलावा कुछ नही कर सकती…
“इसलिए जरूरी है, नारी का शिक्षित होना… जरूरी है नारी को उसका यथोचित्त स्थान दिया जाये , सम्मान दिया जाये” …
“शास्त्रो में भी कहा गया है ‘जहां नारी की पूजा होती है वहा देवता निवास करते है’
“समाज की खुशहाली और अच्छे भविष्य के लिए नारी को सम्मान की दृष्टि से देखा जाना चाहिए उसके मान सम्मान का ख्याल रखना चाहिए”…
“इसके लिए सबको मिलकर नारी के हितों की रक्षा का संकल्प करना होगा”…

रश्मि डी जैन
महसचिव, आगमन साहित्यक समूह
नई दिल्ली

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