मित्रों अपने प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी आरम्भ से ही अपने आपको प्रधान मंत्री के स्थान पर देश का प्रधान सेवक कहलवाना पसंद करते हैं और हम भी उन्हें प्रधान सेवक ही समझते है और अपने संबोधनों में प्रधान सेवक ही कहते भी हैं लेकिन एक बात हमारे गले में ही अटक जाती है गले से नीचे उतरती ही नहीं क्योंकि 75 मंत्रियों का सरदार ही “सेवक'” कहलाता हो और बाकी अपने अपने मन्त्रालयों के मालिक यह किसी लोकतंत्र में कैसे संभव हो सकता है ? जिस प्रकार उन्होंने बहुत से नामों का परिवर्तन किया है जैसे योजना आयोग का “नीति आयोग” विकलांगो को “दिव्यांग” यहाँ तक कि 7 RCR नाम भी बदल दिया , रेल मंत्रालय का अलग से बजट समाप्त कर दिया साधारण अआम बजट 28 फरवरी के स्थान पर 1 फरवरी का लाना, काले धन को समाप्त करने के लिए नोट बंदी जैसे साहसिक कार्य किये है उसी प्रकार से सभो विभाग के मंत्रियों के नाम भी बदल दे । सुझाव के रूप में गृह मंत्री को “गृह सेवक” , वित्त मंत्री को ” खजाने का सेवक “; रक्षा मंत्री को “रक्षक” सड़क परिवहन मंत्री को “सड़क परिवहन सेवक” ; यानि सभी मंत्रियों कओ सेवक में बदल दिया जाय ।
एस पी सिंह, मेरठ