नोटबंदी या नोट बदली का फैसला कितना सही ?

गजेसिंह वमल
गजेसिंह वमल
8 नवम्बर के ईस फैसले के शुरुआती दिनो मे देश की जनता पूर्णतया ईस फैसले के सपोर्ट मे थी क्योकि मोदी सरकार द्वारा ईस फैसले के लाभ बताये जा रहे थे उसी से हमे आशा और अपेक्षा यह थी कि 14.60 लाख करोड़ की कैश करैंसी बैंको मे जमा नही होगी, सरकार का अनुमान था कि लगभग 4 लाख करोड़ करैंसी बैंको मे वापस नही आयेगी और वो सरकार का सरप्लस होगा और वही पैसा गरिबो के कल्याण की योजनाऔ मे लगाया जायेगा रिश्वतखोरी और भ्रष्टाचार खत्म हो जायेगा, कालाधन समाप्त हो जायेगा, जाली नोट नही छपेंगे, आतंकवादी घटनाये नही होगी, मादक पदार्थो के धन्धे बंद हो जायेंगे, आपराधिक (फिरौती, लूट जैसी) घटनाये कम होगी, गरीब और अमीर एक समान हो जायेंगे, किसानो के कर्जे माफ हो जायेंगे लेकिन ऐसा नही हुआ ।
हमे लोकतान्त्रिक देश मे विचार करने, सोचने, समझने और अभिव्यक्ति की पूर्णतया स्वतंत्रता है ईस लिये अभी तक जोे समझ मे आया उससे यही लगता है कि नोटबंदी से एक भी फायदा नही होने वाला है शायद यह बात ऐसा फैसला करने वालो को भी अब महसूस हो रही है ईसलिये ईन्होने ईन सारे विषयो को छोड़कर कैशलेस या लेसकैश ईकोनोमी का राग शुरु कर दिया है मैं और हम मोदीजी की मंशा पर सवाल नही उठा सकते है वो हमेशा अच्छा करने के लिये सोचते है और उन्होने नोटबंदी का फैसला भी अच्छा होने की उम्मीद से ही किया होगा लेकिन अब ऐसा लग रहा है कि यह फैसला ठीक नही था ।

गजेसिंह वमल
सामाजिक कार्यकर्ता
मो: 9828837548
जिला- जालौर

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