क़लम उठ जाती है

नटवर विद्यार्थी
नटवर विद्यार्थी
जब तक घर में ऐक्य भाव है,
तब तक घर वो घर है ।
अगर नहीं है ऐक्य भाव तो,
सबके सब बेघर है ।
ईंट और गारे से निर्मित ,
घर को घर नहीं कहते ।
घर तो सिर्फ़ वही होता जहाँ,
मिलजुलकर सब रहते ।
-नटवर विद्यार्थी

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