नारी की चाह

डा. एम, एस, फोगाट
डा. एम, एस, फोगाट
घर का पूरा भार दिया है , किचन का प्रभार दिया है
बच्चो का सब प्यार दिया है , बिन चाहा व्यवहार दिया है
थोड़ा सा आदर, मेरे यार दे दो , नारी को निर्णय का अधिकार दे दो

कथन में सचाई वो मांगती है , विश्वाश गहराई वो मांगती है
सनम परछाई वो मांगती है, प्रेम अक्षर ढाई वो मांगती है
उसको पति का तनिक प्यार दे दो , नारी को निर्णय का अधिकार दे दो

सारे तुम्हारे ये रिस्ते निभाती , रीती रिवाजों को पूरा पुगाती
एक एक पैसे को ढंग से बचा कर , घर के तुम्हारे ये खर्चे चलाती
घर का ये सारा ही व्यापार दे दो , नारी को निर्णय का अधिकार दे दो

हँसता सा घर बार दे दो , सास ससुर का प्यार दे दो
सावन की बाहर दे दो , वर्षा की फुहार दे दो
घर में सभी को सुविचार दे दो , नारी को निर्णय का अधिकार दे दो

निश्छल सा भरतार दे दो , सहयोगी सरकार दे दो
इतनी अच्छी बहु मिली है , मायके को आभार दे दो
रोको ना, टोको ना, आये सब परिवार दे दो
नारी को निर्णय का अधिकार दे दो

डा,महेन्द्र सिंह फोगा
गेस्ट राईटर

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