ये मौसम बरसात का है,
तेरी यादें, तेरे साथ का है,
तू कहाँ है, खबर नहीं है मुझे,
बस ये पता है तेरे एहसास का है!
तू जहाँ भी रहे तेरी यादें यही है,
ये असर, मेरे दिल में तेरे प्यार का है,
कब तुझे एहसास होगा मेरी वफ़ा का,
मेरे लिए तो हर मौसम तेरे इंतजार का है!
तेरे इंतजार में रोज आँखों से बरसात होती है,
अब क्या फर्क पड़ता है की मौसम बरसात का है,
कभी मेरे दिल में भी झांककर देखो,
इसमें हर कोना तेरे ही नाम का है!
लोग बेवजह “पाठक” को शायर नाम देते है,
वो तो बस “आशिक” तेरे दीदार का है!
(त्रिवेन्द्र कुमार पाठक)