एक लड़की है पगली सी

trivendra pathakएक लड़की है पगली सी, मुझसे है वो जुडी हुयी,
कोई रिश्ता हमारे बीच नहीं, मुझसे है वो खुली हुयी,
बहुत बैचैन वो रहती है, मुझसे सारी बातें कहती है,
पगली है नादान बहुत, पर मुझमें है वो घुली हुयी.
कई बार नादानी में, बहुत कुछ छिपाया करती है
बाद में फिर वो चुप रहकर, सबकुछ बताया करती है
सोचती रहती है हर वक़्त, रहती है वो खोयी हुयी
कई बार तो जागते हुए भी, वो लगती है सोयी हुयी.
सोचा कई बार मैंने, कि क्यूँ वो लड़की ऐसी है
पर लगता है वो अच्छी है, वो लड़की जैसी है
मिलावट नहीं है बातों में, दिल में कोई खोट नहीं
उसकी सूरत देख के लगता है, वो है सच्चाई से बनी हुयी.

त्रिवेन्द्र कुमार पाठक

error: Content is protected !!