60 करोड़ या 600 करोड़

sohanpal singh
sohanpal singh
वैसे तो भक्त लोगों को मेरी पोस्ट उनके भगवन के लिए नकारात्मक ही लगती है और इसके लिए वो लोग गाली गलौज भी करने से बाज नहीं आते ? लेकिन हमें भी आलोचना करने का मशाला उनके बॉस दे ही देते है , बात अभी ताजी ताजी है उधर डावोश में प्रधान सेवक जी निवेशकों को लुभाने के लिए बोल रहे थे की हमने अपने देश में सरकारी फाइलों से रेड टेप हटा दिया है अब हमने रेड कार्पेट बिछा दिया है आप लोगों के लिए इसके लिए मुझे 600 करोड़ भरतियों ने वोट देकर चुना है , अब या तो हमारे प्रधान सेवक जी कोई नशा किया हुआ था या उनको वास्तव में उनके सहायकों द्वारा उपलब्ध कराये गए आंकड़े पढ़ने में कोई दिक्कत हुई होगी , क्योंकि 600 करोड़ मतदाता तो पूरी दुनिया में भी नहीं होंगे , इसलिए हम तो यही कहेंगे की 125 करोड़ भारतियों को तो बेवकूफ खूब बनाया है क्या अब दुनिया को भी भारतियों जैसा जातिवादी बेवकूफ समझ रखा है ? या अपने पूर्वर्ती की तरह कोई भांग का अंटा चढ़ा कर भाषण दे रहे थे , खैर जो कुछ भी हुआ उसका जवाब तो अंतर्राष्ट्रीय समुदाय मांगेगा ही ? लेकिन हम तो अपने fb दोस्तों के लिए एक छोटा सा आंकड़ा पेश कर रहे हैं , भारत में 2014 में कुल वयस्क elegible मतदाता 81.45 करोड़ थे जिसमे से कुल 66.38 प्रतिशत मतदाताओं ने मतदान में भाग लिया था जो करीब 54,06 करोड़ मतदाता होते है लेकिन इसमें से केवल 31 % मतदाओं ने ही बीजेपी को वोट दिया था जो संख्या के हिसाब से केवल 17 करोड़ 16 लाख 57 हजार 5 सौ 49 ही होते हैं जबकि 69 % मतदाताओं ने बीजेपी के विरुद्ध वोट किया था यानि हम कह सकते हैं की उनको जो 31 % मत मिला वो थर्ड डिवीजन से पास होने वाले छात्र जैसा ही है अर्थात बहु संख्यां यानि 69% लोगो ने उनके विरुद्ध ही वोट किया था चूँकि यह हमारे चुनाव सिस्टम की एक प्रक्रिया है उनको बहुमत संख्या के रूप में मिला 543 सांसदों की कुल संख्या में से उनकी पार्टी के .282. सदस्य चुन कर आये जो बहुमत से भी अधिक् है इसलिए उनको शासन चलाने और अपनी नीतिया निर्धारित करने का अधिकार प्राप्त हुआ है? लेकिन यह उनको स्वयं ही सोचना है की देश की छवि को विदेशो में किस प्रकार से बनाई जाय इवेंट मैनेजमेंट से या भारत का वास्तविक रूप दर्शा कर? लेकिन अब ऐसा लगने लगा है की उनको शायद विदेश की धरती पर भी भारतीय चुनाव जीतना है ?
S.P.Singh, Meerut

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