त्रिवेन्द्र पाठक न तो अन्धा है और न ही बेवकूफ

त्रिवेन्द्र पाठक
कुछ लोगों को लगता है कि जो धर्म निरपेक्ष है वो खुद का धर्म भी नहीं समझता वो सब चिंता ना करें बन्धुवर त्रिवेन्द्र पाठक हिन्दू है, वह सनातनी पंडित भी है, किन्तु न तो कांग्रेसी है ना भाजपाई। किन्तु न तो अन्धा है और न ही बेवकूफ।
मुझे दिखता भी है मित्रों और समझ भी आता है कि देश में हो क्या रहा है।
अभी देश में लोगों की मूलभूत आवश्यकताऐं भी सभी की पूरी नहीं हुई इसके लिए पिछले 30 वर्षों की सभी सरकारें जिम्मेदार हैं चाहे राज्य में हो या देश में। राजस्थान में पिछले 30 सालों में करीबन 20 वर्ष भाजपा शासन रहा और 10 वर्ष कांग्रेस का शासन रहा दोनों ही मूलभूत विकास के क्षेत्र में असफल रही यही हाल केन्द्र में रहा वहां 10 साल भाजपा और 20 साल कांग्रेस रही।
दोस्तों मैंने 30 साल पहले की बात इसलिए नहीं कि क्योकि 30 वर्ष पूर्व तक भारत एक टूटा हुआ और युद्धों से घिरा हुआ एक नवीन राष्ट्र था जो स्वयं के अस्तित्व के लिए संघर्ष कर रहा था और तत्कालीन सरकारों ने एक अस्तित्व प्रदान किया एक संगठिक विकासशील देश का निर्माण किया इसमें किसी को संदेह नहीं होना चाहिए।
लेकिन इन 30 वर्षों में जो देश की स्थिति कहीं अधिक विकसित होनी चाहिए थी वो नहीं हुई, इसके अनेकों को कारण रहे मैं कुछ मुख्य कारण आपको बता रहा हूं-
1. राजनितिक व्वसायिकरण
2. पूंजीवादी सरकारी नितियां
इससे भ्रष्टाचार सबसे अधिक बढा।
3. धार्मिक सद्भाव का समाप्त होना
4. पश्चिमी संस्कृति का विकास
5. कश्मीर पर तुष्टिकरण की नीति
और भी कई कारण है पर इतना सब फेसबुक पर लिखना संभव भी नहीं है। भाईयों मैं सिर्फ इतना ही कहना चाहता हूं कि देश को बचाने के धार्मिक सद्भाव के साथ राजनीति से पूंजीवाद को समाप्त कर एक सुशासन की स्थापना का संकल्प लेकर आगे बढो न कि धर्म के नाम पर लडकर अपना समय और भविष्य दोनों को दाव पर लगाओ।
आप सभी युवा अपनी पारिविरिक जिम्मेदारीयों पर ध्यान देकर अपने भविष्य का निर्माण करने में विशेष ध्यान दें।
त्रिवेन्द्र पाठक
अध्यक्ष
अजमेर यूथ

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