काफिला क्यों लुटा

कल्पित हरित
ललित मोदी ने IPL कमिशनर रहते तथा BCCI में रहते हुए वितीय गड़बड़ियाँ की| ललित मोदी की वसुंधराराजे से काफी नजदीकिया थी और उन्ही के पहले कार्यकाल के दौरान मोदी RCA का अध्यक्ष बना पर अब वो लन्दन में जिन्दगी मज़े से जी रहा है|
माल्या ने बैंको को 9000 करोड़ का चुना लगाया और वे भी विदेश में मज़े से जी रहे है पर भाजपा कहती है कि माल्या को loan कांग्रेस के समय दिया गया यंहा तक की तत्कालीन प्रधानमंत्री जी ने बैंको को kingfisher airlines को loan देने की सिफारिश की थी|
नीरव मोदी की पहुच तो सिस्टम में इस हद तक थी कि बैंक अधिकारियों ने passward तक उसे बता दिए और 150 के करीब LOU (LETTER OF UNDERSTANDING) फर्जी तरीके से जारी कर उसने विदेशी ब्रांचो से PNB की गारंटी पर loan ले लिया और 11000 करोड़ लेकर चम्पत हो गया |
बाकि ये तो कुछ मोटी मोटी मछलिया है न जाने कितनो ने कैसे कैसे बैंको को चुना लगाया जिनका नाम जारी करने को बैंक तैयार नहीं है| ये वही बैंक है जो किसान के कुछ हज़ार के क़र्ज़ की वसूली के लिए उनके घर भाड़े के गुंडे भेजते है और नोटिस बोर्ड तक पे नाम चस्पा कर देते है पर कोई INDUSTRALIST कितना खा गया इसकी जानकारी देने में परहेज़ करते है |
वैसे बीते दो साल में (2015 -17) में बैंको में SBI में सबसे ज्यादा 2466, PNB में 471 फ्रॉड हुए | परन्तु फिर भी बैंको की सेहत खराब न हो और बैलेंस शीट सही बनी रहे इसके लिए सरकार बैंको की मदद करती है जिसके तहत पिछले वर्ष सरकार ने 2.11 लाख करोड़ बैंको की सेहत सुधारने के लिए सरकारी खजाने से दिए जो की TAX PAYER का पैसा है | अगर सब कुछ ठीक रहता तो इस पैसे का उपयोग विकास कार्यो के लिए होता |
अब आप पुरे खेल को समझने की कोशिश कीजिये | देश में लोकतंत्र है और सत्ता में आने या बने रहने के लिए चुनाव जीतना होता है चुनाव जितने के लिए प्रचार और प्रचार के लिए पैसा पानी की तरह बहाना पड़ता है तो राजनैतिक पार्टियों को पैसा चंदे के रूप में मिलता है और चंदा CORPORATES देते है | यही CORPORATES चुनाव जीतने के बाद बैंक से loan लेते है तथा सरकारी नीतियों को प्रभावित करते है | इसी लिए LOAN से कारोबार करते है बाज़ार में चमक और धमक के साथ उतरते है मुनाफा कमाते है पर LOAN नहीं चुकाते और इनके द्वारा लिए गए loan की भरपाई सरकार करती है |
बात तो ध्यान देने की ये भी है कि इनके पास ऐसा कौन सा ख़ुफ़िया तंत्र है जो FIR दर्ज होने का पता लगा कर कुछ ही दिनों पहले विदेश भाग जाते है | आप पर कार्यवाही होने वाली है इसकी पूर्व सुचना किस माध्यम से इन्हें मिलती है | क्योकि अगर आप देखे तो नीरव मोदी के पुरे परिवार ने FIR होने के कुछ दिनों पूर्व ही थोड़े थोड़े समयांतराल में देश छोड़ दिया और विजय माल्या तो थोड़े समय और देश में रहता तो वो पकडे जाता पर उन पर FIR उनके विदेश जाने के कुछ घंटो बाद ही दर्ज हुई |
सरकार अब हर प्रेस वार्ता में यही बता रही है कि 2011 का घोटाला है हमने तो इसे उजागर किया है और इसका श्रे लेने से नहीं चुक रही |
घोटाला उजागर होने वाला है और कार्यवाही होने वाली है इसकी पूर्व सुचना कैसे घोटालेबाजो तक पहुच गयी इसका कोई जवाब नहीं दे रही है या हो सकता है इसका जवाब उनके पास हो ही नहीं |
तो अंत में हमें बस एक फिराक जलालपुरी का शेयर याद आता है :-
“ तू इधर उधर की न बात कर ये बता काफिला क्यु लुटा
मुझे रहजनो से गिला नहीं तिरी रहबरी पर सवाल है |”

कल्पित हरित

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