बदल जाएगा जल्द नफरत का जो माहौल हो गया है

त्रिवेन्द्र पाठक
“अभी बैठे हुए ख्यालों में,
मुझे एक ख्याल आया,
कि एक अर्सा गुजर गया है,
मगर, वो नजर नहीं आया।

अभी कल ही कि तो बात थी,
वो इन्सान हुआ करता था,
पर अचानक मुझे पता चला,
मैं हिन्दु और वो मुसलमान हो गया है।

दिलों में मुहब्बतें हुआ करती थी,
अभी कुछ साल पहले तलक,
कि जब से काॅलेज छुटा है,
वो सियासतदार हो गया है।

और बस यही सोचकर मुझे नींदें नहीं आती,
कि आदमी अब आदमी से क्या हो गया है,
और अभी भी वक्त है यारों, थोडा सा सम्भलने का,
वरना फिर कहोगे तुम मुझसे कि,
ऐ ‘पाठक’ शहर वीरान हो गया है

और इल्तजा ये मेरी सभी से है यारों,
कि बदल डालो इसे, जो आदमी खुदगर्ज हो गया है,
मुझे भरोसा है अभी तुम पर मेरे शहर वालों,
बदल जाएगा जल्द नफरत का जो माहौल हो गया है।

त्रिवेन्द्र कुमार पाठक
अध्यक्ष
अजमेर यूथ, अजमेर।

error: Content is protected !!