प्रियंका गांधी की राजनीति में सक्रियता सियासतदारों में बनी चर्चा का विषय

राजस्थान सहित तीन राज्यों के मुख्यमंत्री बनाने से लेकर मंत्री मंडल के गठन में निभाई चाणक्य की भूमिका
प्रियंका में दिखती है इंदिरा गांधी की छवि, महिलाओं सहित लाखों युवा हैं उनके प्रशंसक

कांग्रेस कमेटी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी की बहन प्रियंका गांधी में इंदिरा गांधी की छवि दिखाई देती है। उनका चलने का अंदाज, बोलने की शैली, शक्ल व अक्ल में उनकी दादी इंदिरा गांधी की छवि दिखती है। प्रियंका गांधी विशेष तौर पर महिलाओं सहित युवाओं की पसंद हैं। वे जब टीवी पर दिखाई देती हैं या किसी सभा व रैली को सम्बोधित करती हैं तो एकाएक लगता है कि मानो इंदिरा गांधी ही सामने खड़ी हों। आज वे सक्रिय राजनीति में नहीं हैं तो भी हजारों, लाखों लोग उनके प्रशंसक हैं। लोगों का कहना है कि अगर प्रियंका सक्रिय राजनीति में होती तो शायद देश की प्रधानमंत्री बनी होती। वे अपने भाई राहुल से ज्यादा लोगों की पसन्द हैं। पिछले दिनों हमने देखा व सुना कि उनकी थोड़ी सी सक्रियता से राहुल राजस्थान व मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्रियों का फैसला कर सके। उनकी सोच है राजनीति में युवाओं को मौका मिलने के साथ अनुभव का भी सामंजस्य होना चाहिए। इसी सोच ने राजस्थान में अशोक गहलोत को मुख्यमंत्री व सचिन पायलट को उपमुख्यमंत्री बनाया। जहां गहलोत अनुभवी नेता हैं वहीं पायलट युवा नेता हैं। अगर युवा के साथ अनुभव का तालमेल बैठ गया तो सफलता अवश्य मिलेगी। उल्लेखनीय है कि विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के तीन राज्यों राजस्थान, मध्यप्रदेश व छत्तीसगढ़ में बहुमत में आने के बाद सरकार गठन के साथ जब मुख्यमंत्री का मामला उलझा तो उसे प्रियंका गांधी ने ही चाण्क्य की भूमिका निभाकर मुख्यमंत्री के चयन में राहुल की मदद की, जिसे सभी ने स्वीकार भी किया साथ ही मुख्यमंत्री को लेकर उपजा विवाद भी खत्म हो गया। उन्होंने इन राज्यों में मंत्री मंडल के गठन में भी अपनी सलाह दी जिसकी वजह से हर वर्ग के प्रतिनिधि को मंत्री के रूप में काम करने का मौका मिला। राजनीतिक पंडितों का कहना है कि कांग्रेस हाईकमान राहुल गांधी के चाणक्य के रूप में अशोक गहलोत का नाम अब तक हर किसी के जुबान पर आता रहा है। गहलोत की राजनीतिक चाणक्य वाली रणनीति भी हर मोर्चे पर देखने को मिली है लेकिन तीन राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव के बाद अब कांग्रेस में राहुल के ‘चाणक्य’ के तौर पर गहलोत नहीं बल्कि उनकी बहन प्रियंका गांधी का नाम उभरकर सामने आया है। खासतौर पर राजस्थान की राजनीति में उलझे पेच को सुलझाने में प्रियंका ने जो भूमिका निभाई है, उससे ये साबित भी हो गया कि अब प्रियंका ही राहुल की ‘चाणक्य’ हैं। प्रियंका के यूं अचानक राजनीति में सक्रियता के बाद सियासी हलकों में चर्चा शुरू हो गई है क्या प्रियंका भारतीय राजनीति में पूरी सक्रियता के साथ उतर रही हैं। इन चर्चाओं के बीच कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। माना जा रहा है कि प्रियंका अपने भाई को प्रधानमंत्री के रूप में देखना चाहती हैं, शायद इसलिए ही वो अपने भाई को मदद करने के लिए राजनीति में सक्रिय हो रहीं हैं। अब देखना है कि क्या वे लोकसभा चुनाव को लेकर खुलकर राजनीति में आती हैं या फिर पर्दे के पीछे अच्छे रणनीतिकार के रूप में चाणक्य की भूमिका निभाती हैं !

तिलक माथुर
केकड़ी_राजस्थान
*9251022331*

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