अगर मैं जंग ए मैदान में मार जाऊँ

देवी नागरानी
अगर मैं जंग ए मैदान में मार जाऊँ
मुझे ताबूत में बंद करके घर भेज देना
माँ से कहना
मैंने अपनी तरफ़ से योग्य प्रयास किया
पिता से कहना वे कभी सिर न झुकाएँ
अब मेरी मुझसे उन्हें कोई परेशानी न होगी
भाई से कहना अच्छी तरह पढ़ाई करे
मेरी बाईक की चाबी हमेशा के लिए उसकी हुई
बहन से कहना वो परेशान न हो
उसका भाई सूर्यास्त के बाद लम्बी नींद सोएगा
मेरे वतन वालों से कहना वे न रोएँ
क्योंकि मैं सिपाही हूँ जो मरने के लिए पैदा हुआ हूँ .

अनुवाद : देवी नागरानी

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