इस जहाँ में कोई तो हमारा होता
गर तेरी यादों का सहारा होता
न डूबती कश्तियाँ इस क़दर बेसुध
पास गर तुझसा कोई किनारा होता
गुज़र गया जो गुज़ारना था मधुकर
वेरना आज कुछ और ही नजारा होता
वेरना आज कुछ और ही नजारा होता
इस जहाँ में कोई तो हमारा होता
इस जहाँ में कोई तो हमारा होता …
-नरेश मधुकर