कोरोना को परे धकेले ।
थोड़ा जोर लगाओ चुन्नू ,
थोड़ा जोर लगाओ मुन्नू ।
गिरा उसे फिर मारे ढेले ,
घर में रहकर ही हम खेलें ।
बिट्टू -जानू तुम भी आओ ,
जरा उसे ताक़त दिखलाओ ।
डंडा लेकर उसको पेले ,
घर में रहकर ही हम खेलें ।
रहना हमको दूर-दूर है ,
मास्क लगाना भी जरूर है ।
थोड़े दिन का दुःख है झेलें ,
घर में रहकर ही हम खेलें ।
– *नटवर पारीक*, डीडवाना