सरकार पत्रकारों के लिए मुआवजे की घोषणा क्यों नहीं कर रही

राज्य के मुख्यमंत्री सम्मानीय श्री अशोक जी गहलोत एवं सूचना एवं जनसंपर्क मंत्री डॉ. रघु शर्मा जी से विनम्र अनुरोध..
महोदय जी,
देश मे चल रही आपात कालीन परिस्थितियों के मद्दे नजर रखते हुए सरकार ने कोरोना वायरस से संघर्ष करने वाले कार्मिकों की लिस्ट जारी की है।जिसमें चिकित्साकर्मी, पुलिसकर्मी,आवश्यक सेवाओं से जुड़े कर्मचारी व मीडियाकर्मी हैं। सरकार ने हाल ही में मीडिया कर्मियों के अलावा किसी भी कर्मचारी की कोरोना से मृत्यु होने पर पच्चास लाख रुपये मुआवजा देने की घोषणा की थी।ये एक अच्छी पहल है।मुआवजा राशि किसी भी कार्मिक के कार्य के मुकाबले क्षतिपूर्ति नहीं हो सकती लेकिन फिर भी परिवार के सदस्यों के लिए ये राशि एक मरहम की भांति काम करती है और ये सरकार की लोककल्याणकारी योजनाओं में भी शामिल होने वाली एक प्रक्रिया है।साथ ही इस माहौल में सरकार द्वारा ऐसी घोषणा करना अपने आप में सरकार के व्यक्तित्व को दर्शाती है कि ये सरकार अपने कार्मिकों के लिए कितनी संवेदनशील है।सरकार के इस निर्णय का सबने स्वागत व सम्मान किया।मैं भी करता हूं।लेकिन यहां सरकार ने एक कमी रख दी।जिसकी चारों और से मांग उठी।सरकार के पास ये संदेश भी गया और मेरा भी यहां सरकार से यही निवेदन है।
सरकार ने उन मीडियाकर्मियों को इस आदेश में कैसे छोड़ दिया जो सरकार की योजनाओं को आमजन तक पहुंचाते हैं।जो सरकार द्वारा किये जाने वाले अच्छे कामों की जानकारी आमजन को देते हैं।जो सरकार व प्रशासन के मध्य सेतु का काम करते हैं।जो सरकार व आमजन के मध्य भी सेतु का काम करते हैं।जिसको प्रजातंत्र का चौथा स्तंभ माना जाता है।सरकार ने इसे शायद इसलिए छोड़ दिया क्योंकि ये वर्ग सरकारी कर्मचारी नहीं है।लेकिन सरकार का अंग तो है।सरकार की जनता तो है।सरकार का वोटर तो है।सरकार को ये नहीं भूलना चाहिए कि सरकार सबकी होती है।सरकार की जिम्मेदारी होती है कि वो समाज के हर वर्ग का ध्यान रखे।सरकार से तात्पर्य परिवार का मुखिया है।और पत्रकार उस परिवार का सदस्य है।यदि परिवार का मुखिया किसी वजह से अपनी संतान से नाराज भी होता है तो भी उत्तराधिकार के कानून के हिसाब से तथा संकट की घड़ी में परिवार का मुखिया सारी बातें भुलाकर अपने परिवार के सदस्य का ध्यान रखता है।यहां यही स्थिति परिवार के मुखिया को समझनी चाहिए।पच्चास लाख ना सही पच्चीस लाख की घोषणा करनी चाहिए।और ऐसे लोगों के लिए करनी चाहिए जिनका मुख्य काम पत्रकारिता हो।मेरे जैसे टाइम पास पत्रकारों के लिए कतई नहीं।लेकिन पत्रकारों के लिए सरकार को घोषणा करनी ही चाहिए।सरकार को ये भी बता दूं मैं की ये वो वर्ग है जो आपके द्वारा किये गए उपकार को कभी भूलने वाला नहीं है।ये वो वर्ग है जिसको सिर्फ सम्मान चाहिए उसके एवज में ये वर्ग आपको कितना मान देगा आप खुद देखते रह जाएंगे।कुछ क्राइटेरिया तय करते हुए ऐसे समय में पत्रकारों के लिए उचित घोषणा आप करोगे तो ये एक अच्छा संदेश होगा।
निवेदक-डॉ.मनोज आहूजा एडवोकेट।9413300227

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