हाईकोर्ट का फैसला तय करेगा, गहलोत पायलट का राजनीतिक भविष्य

रजनीश रोहिल्ला।
राजस्थान के राजनीतिक घमासान के बीच हाईकोर्ट के फैसले का इंतजार कांग्रेस और बीजेपी, गहलोत और पायलट को ही नहीं बल्कि पूरे राजस्थान और राजनीति से संबंध और रूचि रखने वाले देश हजारों लोगों को है।
सोमवार को हाईकोर्ट अपना निर्णय देगा। हाईकोर्ट के सामने दो पक्ष खड़े हैं। हाईकोर्ट की डिविजन बैंच को विधानसभा स्पीकर द्वारा दिए गए नोटिस के मामले में निर्णय करना है। पायलट खेमे ने स्पीकर के नोटिस को असंवैधानिक बताते हुए उसे चैलेंज किया है।

रजनीश रोहिल्ला
अब दो ही स्थिति है। हाईकोर्ट की डिविजन बैंच पायलट खेमे की याचिका को खारिज करेगी या नहीं। स्पीकर का नोटिस पायलट सहित 18 विधायकों की विधायकी समाप्त करने से जुड़ा है।

फैसला जो भी आएगा। दोनों ही तरह के निर्णय से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व मुख्यमंत्री सचिन पायलट सहित इनसे जुड़े राजनीतिक क्षेत्र के कई लोगों के राजनीतिक भविष्य पर प्रभाव पड़ेगा।

हाईकोर्ट के फैसले के बाद राजनीतिक क्षेत्र में नई स्थिति बनेंगी। विधानसभा में शक्ति परीक्षण होगा या नहीं। होता है तो गहलोत सरकार रहेगी या नहीं।

राजनीति के लिए कहते हैं कि यह संभावनाओं का खेल है। इसमें आखिरी समय तक कुछ भी स्थिति बन सकती है। ऐसी भी जिसके बारे में किसी ने कभी सोचा तक नहीं। हाईकोर्ट के निर्णय के बाद राजनीतिक क्षेत्र में जबर्दस्त हलचल शुरू हो जाएगी। सभी लोग अपने-अपने समीकरणों को फिर से तराशने में लग जांएगे। जो भी होगा, सब सामने आ जाएगा।

हाईकोर्ट पायलट के पक्ष में निर्णय देता है तो क्या हो सकता है।
1 सचिन पायलट सहित 18 विधायक कांग्रेस में बने रहेंगे।
2 अभी जहां है, वहां से एक बार फिर जयपुर आ जाएंगे।

3 गहलोत खेमें के विधायकांे से मिलना जुलना फिर शुरू होगा।
4 गहलोत खेमें के विधायकों को अपने पक्ष में करने का मौका और समय मिलेगा।
5 बीजेपी भी गहलोत सरकार गिराने की संभावनाएं तलाशेगी।
6 गहलोत विधानसभा का संक्षिप्त सत्र बुला सकते हैं। एक बार फिर से कांग्रेस विहप जारी कर सकती है।
7 पायलट खेमे को विहप के बाद कांग्रेस की बैठक में जाना ही होगा।
8 जब पायलट खेमा जयपुर आ जाएगा और विधायकों से मिलना जुलना शुरू करेगा तो ऐसा भी नहीं कि गहलोत गुट तमाशा देखेगा।
9 ऐसी स्थितियों में गहलोत भी अपनी सरकार बचाने की संभावनाएं तलाशेंगे।

10 गहलोत को भी मौका मिलेगा कि वो सचिन पायलट गुट के विधायकों को अपने समर्थन में ले सकें। उनको मंत्री, निगम, बोर्ड का अध्यक्ष बना दें।
11 पायलट को समय मिल जाएगा। इतना समय मिल जाएगा कि वो केंद्रीय नेताओं को बीच में डालकर आलाकमान से कोई बीच का रास्ता निकाल सकते हैं।
12 कांग्रेस नेता बार-बार पायलट का वापस बुला रहे हैं, इसका मतलब यह है कि उनके पास पायलट की सम्मान जनक वापसी का कोई न कोई फार्मूला जरूर होगा।
13 अशोक गहलोत को भी इन 19 विधायकों का समर्थन मिल जाएगा, जो उनकी सरकार साढे तीन साल और आसानी से चल जाएगी।
14 अभी भले ही गहलोत सख्त नजर आ रहे हो लेकिन स्थितियों में बदलाव हो तो हो सकता है, वो भी अपनी सरकार बनाए और बचाए रखने के लिए कुछ नरम रूख अपना लें।
15 पायलट कुछ समय के लिए राजस्थान की राजनीति से विश्राम लेकर कांग्रेस की केंद्रीय राजनीति से जुड़कर कांग्रेस को आगे बढ़ाने का काम कर सकते हैं। वो राज्य की राजनीति में कोई दखल ना दें।
16 रास्ता निकल सकता है, साढ़े तीन साल बाद जब विधानसभा चुनााव होंगे। तब वैसे भी नई राजनीतिक परिस्थितियां होंगी। उस समय कांग्रेस आलाकमान पायलट को मुख्यमंत्री बनाने के लिए तय कर सकता है। इसमें हो सकता है कि गहलोत को भी कोई एतराज ना रहे।
अगर हाईकोर्ट स्पीकर के नोटिस को सही ठहराता है तो
1 यह अशोक गहलोत के लिए बड़ी राहत की खबर होगी।
2 स्पीकर पायलट सहित 18 विधायकों की विधायकी समाप्त कर सकते हैं। ऐसे में सभी को विधानसभा में विश्वासमत में भाग लेने का अधिकार नहीं रहेगा।
2 विधानसभा के 200 सदस्य हैं। 10 चले जाएंगे तो संख्या 181 रह जाएगी। इस समय बहुमत का आंकड़ा 91 का रहेगा। आज की तरीख में गहलोत के पास 100 से 103 सदस्य तो हर हालत में हैं।
3 इस स्थिति में गहलोत के लिए बहुमत साबित करना बहुत आसान हो जाएगा। बीजेपी भी किसी भी तरह का राजनीति खेल खेलने की स्थिति में नहीं होगी। अगले छह महीने तक, जब तक अविश्वास की स्थिति फिर से बने, गहलोत आराम से सरकार चला सकते हैं।
4 पायलट के लिए यह समय बहुत बुरा साबित हो सकता है। कांग्रेस पहले ही उन्हें उपमुख्यमंत्री और प्रदेश अध्यक्ष पद से हटा चुकी है। फिर विधायकी भी चली जाएगी । कांग्रेस प्राथमिक सदस्यता भी समाप्त कर सकती है।
5 ऐसे में पायलट सहित सभी 18 लोगों को फिर से चुनाव में जनता के बीच जाना पड़ेगा।
6 सचिन के पास कोई राजनीतिक दल भी बनाने का विकल्प होगा।
7 पायलट बीजेपी या किसी और पार्टी से जुड़कर अपना राजनीतिक कॅरियर तलाश सकते हैं।

error: Content is protected !!