कांग्रेस और भाजपा लोकतंत्र और संविधान की रक्षा के लिए आमने-सामने

रजनीश रोहिल्ला।
खूब चल रहा है सियासी घमासान। कांग्रेस और कांग्रेस। गहलोत और पायलट। कांग्रेस और भाजपा। राज्य और केंद्र। एसआईटी और सीबीआई। हाईकोर्ट और विधानसभा। लोकतंत्र और संविधान। सभी स्तर पर लोकतंत्र को बचाने की कवायद। प्रयास – संविधान की रक्षा। सबका प्रयास- स्वस्थ और साफ सुथरा लोकतंत्र।
विधायकों की खरीद फरोख्त से शुरू हुई कहानी। विधायक की कीमत 20 से 30 करोड़। मुख्यमंत्री को जानकारी मिली, खरीद फरोख्त से गिराई जा रही है, उनकी सरकार।

रजनीश रोहिल्ला
इसमें शामिल हैं, बीजेपी, कुछ कांग्रेस विधायक और खुद डिप्टी सीएम पायलट। संजय जैन नाम के एक व्यक्ति के आॅडियो के आधार पर एसओजी ने की जांच शुरू। पायलट को पूछताछ के लिए दिया नोटिस। पायलट नाराज हुए। हरियाणा जा बैठे। उनके साथ 18 विधायक भी। आरोप प्रत्यारोप हुए। रूठने मनाने का सिलसिला चला।
मुख्य सचेतक ने 19 विधायकों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। आरोप – कांग्रेस विहप का उल्लघंन। विधानसभा स्पीकर ने सभी को नोटिस भेजे। नोटिस की वैधता को लेकर पायलट खेमा हाईकोर्ट पहुंचा।
फिर अचानक दो आॅडियो सामने आए। आॅडियो के आधार पर केंदी्रय मंत्री भाजपा नेता गजेंद्रसिंह शेखावत पर राजद्रोह का मुकदमा हुआ दर्ज। बीजेपी नाराज हुई। आॅडियो टेप की संवैधानिकता पर उठाया सवाल। सीबीआई जांच की हुई मांग । मामला आगे बढ़ा। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के मंत्रालय ने मुख्य सचिव से आॅडियो टेप की रिपोर्ट मांगी। यानि मामले में केंद्र सरकार का आगमन।
इस दौरान खूब चली बयाबाजी। कांग्रेस ने कहा कि बीजेपी लोकतंत्र की हत्या कर रही। बीजेपी भी पलटवार में बोली – ये करना तो कांग्रेस का इतिहास रहा। यानि दोनों कह रहे हैं कि वो लोकतंत्र के हत्यारे। आरोप-प्रत्यारोप और बयानबाजी में ऐसा ही होता है।
इस बीच बसपा सुप्रीमों मायावती बोली- गहलोत सरकार को बर्खास्त किया जाए। बीजेपी के घटक दल के नेता हनुमान बेनीवाल बोले – भाजपा की राष्टीय उपाध्यक्ष पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे लगी है गहलोत सरकार बचाने में। भाजपा सहयोगी किरोड़ी मीणाा बोले- हम सचिन के साथ।
रणदीप सुरजेवाला बोले- ये गहलोत सरकार गिराने का बीजेपी षड़यंत्र । भाजपा नेता संबित पात्रा बोले – कांग्रेस के घर का मामला, सड़कों पर आ चुका।
लगातार चल रहा सियासी घटनाक्रम। अब हाईकोर्ट का फैसला आएगा। फैसला कुछ भी आए, विधानसभा में शक्ति परीक्षण होना निश्चित है। सारा खेल गणित का है। यानि नंबर गेम का।
सभी लगे हैं, प्रयासों में। कैसे भी लोकतंत्र और संविधान की रक्षा हो जाए। सबके प्रयासों से काफी तस्वीर साफ हो गई। बाकी बची भी हो जाएगी।
मुख्यमंत्री को जिनका इंतजार था। बीटीपी के दो विधायक समर्थन पत्र लेकर आ गए। कुछ ही देर में मुख्यमंत्री राज्यपाल के पास पहुंच गए। अटकलें लगाई गई। 103 विधायकांे का समर्थन लेकर गए। यानि कि सरकार का नंबर गेम गहलोत के पास पूरा। चर्चा ये भी रही कि मुलाकता शिष्टाचार की थी।
उधर दिल्ली में चर्चा। बीजेपी नेता पायलट खेमे से मिले। कांग्रेस बोली – बीजेपी ले जा रही है, 19 विधायकों को बैंगलुरू। बैंगलुरू वही जगह, जहां बैठकर एमपी में कांग्रेस की कमलनाथ सरकार गिराई गई।
अब घमासान अपने अंतिम दौर में। कांग्रेस हो या भाजपा। गहलोत हो या पायलट। भंवर लाल शर्मा हो या गजेंद्रसिंह। मुख्यमंत्री हो या केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह। सभी लोकतंत्र और संविधान की रक्षा में जुटे।
भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने अच्छी बात कही- सियासी नाटक चल रहा है। जनता भी समझ रही। नाटक के किरदार जनता से नहीं हैं छुपे हुए। जनता जानती है कि देश में क्या हो रहा है। किस तरह गिर रही हैं, राज्यों में सरकारें । राजस्थान में फंसा पड़ा है पेच।
यहां मुकाबला है गहलोत से। दावा है कि – गहलोत के पास पूरे नंबर। उधर पायलट खेमा कह रहा है, अल्पमत में सरकार। शुरूआत में झगड़ा कांग्रेस का अंदरूनी था। गहलोत और पायलट के बीच का। कांग्रेस के घर से चली लड़ाई पहले दो होटल में पहुंची। फिर मुकदमें बाजी। फिर हाईकोर्ट। अब विधानसभा की तैयारी।
कल संवैधानिक नियमों की रक्षा के लिए हाईकोर्ट फैसला देगा। लोकतंत्र की रक्षा विधानसभा में होगी। शक्ति परीक्षण में सब साफ हो जाएगा। कौन लोकतंत्र का गला घोंटने की कोशिश कर रहा है। कौन संवैधानिक नियमों को ताक में रखने के प्रयासों में जुटा है। लोकतंत्र की मालिक जनता मूक दर्शक बनकर कभी इसकी तरफ तो कभी उसकी तरफ, देख रही है।

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