बिना शक्ति के कोई कमजोरियां छूट नहीं सकती

करुणा काल में जब शराब की दुकानें खुली तो लोगों की शराब लेने की इतनी बड़ी लाइन पहली बार देखने को मिली औरतें भी लाइन में लगी हुई थी सरकार ने शराब की डबल रेट कर दी थी तो भी लोग कह रहे थे कि जब मरना ही है तो पी के मरे करोना कॉल में जो गुटका ₹5 का आता था उसकी रेट 40 और ₹50 की बीड़ी सिगरेट की रेट भी आसमान को छू रही थी पूरा भारत ही नहीं विदेश में भी इस नशे के गर्त में डूबता जा रहा है अब नए नए तरीके के नए नशे चल रहे हैं पूरे देश में ड्रग के माफिया को ने अपना धंधा बना लिया है जितने भी चैनल और अखबार हैं सब यही बखान कर रहे हैं लोगों से पूछा जाए कि आप शराब क्यों पीते हैं तो बोलते हैं देवताओं ने भी सोमरस पीया था राजा महाराजा भी पीते हैं हम भी पी रहे हैं गुनाह नहीं कर रहे हैं सरकार आप को भी खूब इनकम हो रही है ।राजा विक्रमादित्य ने सर्वप्रथम शिव की पूजा की थी तो उन्होंने उसका नाम सोमनाथ रखा था सोम यानी ज्ञान । नाथ का अर्थ है देने वाला ।देवताओं ने ज्ञान का रस पिया था ।अब लोग ज्ञान रस तो पीते नहीं है उसको उसको उल्टा समझ लिया अब शराब पीने वाले देवता तो बने नहीं है और यह असुर बन गए शराब पीकर उल्टा कर्म करने लगे जैसे घर में झगड़ा बीड़ी सिगरेट गुटका शराब पीने वाला भी जानता है स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है सिगरेट के पैकेट पर भी लिखा होता है सिगरेट पीना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है अच्छे अच्छे डॉक्टर भी सिगरेट पीते हैं अबे इन बुराईयों से दूर होने के लिए स्व- चिंतन करना होगा अपनी इस आदतों को छोड़ने के लिए ज्ञान रस पीना होगा,समझना होगा। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय की पूर्व मुख्य संचालिका दादी जानकी जी ने जब भी प्रवचन किए उन्होंने दो शब्द कहें।मैं कौन और मेरा कौन । मैं शुद्ध आत्मा हूं इस शरीर का संचालन कर रही हूं इस शरीर में विराजमान हूं मैं आत्मा अविनाशी अजर अमर हूं यह शरीर कार है मैं कार का ड्राइवर हूं अपनी सीट पर भर्कुटी बीच विराजमान होकर बैठा हूं इस कार को चला रहा हूं यहीं पर आत्मा को नमस्कार करने के लिए तिलक लगाया जाता है इसी स्थान तिलक लगाते हैं ।औरतें भी यही पर बिंदी लगाती है क्योंकि आत्मा अति सुक्षम दिव्य ज्योति बिंदु स्वरुप है दिव्य ज्योति बिंदु स्वरूप है। मेरा कौन यानी मुझे आत्मा आत्मा का पिता सर्वोच्च शक्ति सुप्रीम पावर सुप्रीम आत्मा जो जन्म मरण से न्यारा है निराकार ज्योति स्वरूप है इस नशे से बचाने के लिए राजयोग का ज्ञान सिखा रहे हैं प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के माध्यम से कोई भी कमजोरियों को कोई भी छोड़ने के लिए शक्ति की आवश्यकता होती है बिना शक्ति के कोई कमजोरियां छूट नहीं सकती जो भी नशे करते हैं वह कमजोरियों के वश करते हैं ।
ब्रह्मा कुमार रमेश
प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय अजमेर ।

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