मानसिक विकृतियों से बचने के लिए क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट के नियमित संपर्क में रहना समय की आवश्यक मांग

अपर्णा गुप्ता
हमें इस कोविद महामारी से संघर्ष करते हुए एक वर्ष से अधिक का समय व्यतीत हो गया है, लेकिन इस महामारी का जो स्वरूप आज हम देख रहे हैं वैसा हमने कभी सोचा भी नहीं था। मौजूदा अनिश्चितता के माहौल ने हमें गंभीर मानसिक विपत्तियों और तमाम उलझनों में डाल दिया है जिसके चलते अनिद्रा तथा और कई प्रकार की शारीरिक एवं मानसिक विकृतियों ने हमें जकड़ लिया है।
इस तनावपूर्ण वातावरण में बहुत आवयश्क है कि हम पूर्ण रूप से न सिर्फ शारीरिक अपितु मानसिक रूप से भी स्वस्थ रहें।
हमारी सर्वप्रथम प्राथमिकता यह होनी चाहिए कि हमारा दिन भर का कार्यक्रम इस प्रकार हो :
● डिप्रेशन में आने से बचने के लिए अपनी दिनचर्या को बनाए रखें ।
● प्रत्येक दिन एक ही समय पर जागें। यह आपके नींद-जागने के चक्र को बनाए रखने में मदद करता है और आपको बेहतर नींद में मदद करता है
● शारीरिक व्यायाम : योग आपके लिए बहुत ही उम्दा व्यायाम है। यह शारीरिक एवं मानसिक दोनों को स्वस्थता प्रदान करने में सक्षम है। कई और प्रकार की व्यायाम शैली जैसे कि ऐरोबिक्स और पिलेट्स भी आपको सहजता से यू ट्यूब जैसे मीडिया पर मुफ्त उपलब्ध हो जाते हैं । घर पर व्यायाम करने के लिए ये एक अच्छा विकल्प हैं।
● सचेतन समाधि / ध्यान : अपने मस्तिष्क को सतर्क रखने के लिए यह सर्वोत्तम रामबाण है। बहुत कम समय के लिए भी अगर समाधि अवस्था में ध्यान लगाएं तो दिमागी उलझनें स्वतः ही दूर होती जाएंगी और यह हमें कठिन परिस्थितियों को सहजता से संभालने की ताकत प्रदान करेगी। 3/5 मिनट ध्यानावस्था भी इस के लिए बहुत है।
● भोजन : सही समय पर और सही अंतराल पर संतुलित और पौष्टिक भोजन अत्यंत आवश्यक है। यह आपकी भूख को शांत रखेगा और आपके शरीर और मस्तिष्क को शांति प्रदान करेगा और अतिरिक्त खाने से रोकने में भी मदद करेगा । अन्यथा मोटापा से अभिशप्त हो जाएंगे ।
● फुरसत एवं मनोरंजन : मस्तिष्क को पूर्ण रूप से उत्तेजित या शिथिल रखने के लिए मनोरंजन के क्षण बहुत ज़रूरी हैं। आप चाहे कोई बोर्ड गेम खेलें, ताश खेलें या गाने सुनें सभी आपको ऊर्जा प्रदान करेंगे और आपके मस्तिष्क में सकारात्मक संचार पैदा करेंगे।
● सकारात्मक रहें : अपनी आशाओं को जीवित रखें। ये जानना ज़रूरी है की आप सबसे अच्छा कर रहे हैं। अपने प्रयासों के बेहतर परिणाम के लिए स्वयं पर, चिकित्सक और उपचार प्रक्रिया पर विश्वास रखें।

अपर्णा गुप्ता
क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट
+919711792689

1 thought on “मानसिक विकृतियों से बचने के लिए क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट के नियमित संपर्क में रहना समय की आवश्यक मांग”

  1. बेहतरीन
    समय की मांग है ।
    डॉ लाल थदानी
    वरिष्ठ जन स्वास्थ्य विशेषज्ञ
    8005529714

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