हमतो आए सोचकर, चलो चले अजमेर

शिव शंकर गोयल
अजमेर की अपनी खूबियां हैं. किसी प्रसिद्ध व्यक्ति ने यहां का दौरा करके बताया कि यहां ज्यादातर कर्मचारी वर्ग हैं. उनमें से कुछ टायर्ड है तो कुछ रिटायर्ड. लोगों का कहना है कि जब रिटायर्ड ही कुछ नही कर पाते है तो टायर्ड क्या करते होंगे ?
यह भी अजमेर का सौभाग्य है कि पहले जहां गर्मियों में और जगह के लोग दिन में एक बार खुशी मनाते थे कि चलो आज तो बिजली नही गई इत्यादि 2 वही यहां के लोग किसी किसी दिन दो दो बार खुशियां मना लेते थे. एक बार तब जब कि पानी आजाता है और दूसरी बार तब जब बिजली नही जाती हैं. वर्ना महंगाई के इस दौर में दो दो बार खुशियां मनाने को कहां मिलती हैं ? बडे भाग यहां मानस तनु पावा !
अजमेर की ही यह खूबी है कि यहां हर साल गर्मियों में होटलों एवं रेस्टोरेन्टस में तख्तियां लग जाती थी जिस पर लिखा होता था कृपया पानी मांगकर शर्मिन्दा न करें. कही कही लिखा होता था दो कप चाय के साथ एक गिलास पानी फ्री.
हास्य सम्राट काका हाथरसी ने कभी विभिन्न शहरों पर पैरोडियां लिखी थी उसी तर्ज पर काफी समय पहले किसी ने साठ के दशक में अजमेर के एक छोटे से हिस्सें की सैर की थी जरा आप भी उसके साथ सैर करिये.
हमतो आए सोचकर, चलो चले अजमेर.
दो दिनों की छुटटी में, कर लेंगे कुछ सैर.
कर लेंगे कुछ सैर, ज्योंहि गाडी से उतरा
गन्दा पाया स्टेशन जो साफ न सुथरा.
किसी तरह ले सामान, बाहर को आया.
मदारगेट की भीड को धक्का-मुक्की करते पाया.
दौडाई नजर, न कोई मदारी देखा.
बस किसी ने फल खाकर, किसी पर छिलका फेंका.
आगे बढा मैं, जिधर पुरानी मंडी.
नई नई किताबों की, देखी डन्डी पर डन्डी.
दिखी वहां से ही, उॅची प्याउ गोल.
सिखा रही सेठों को, तोल,बोल औ’ मोल.
मुडा जो बांये हाथ को, मिला नया बाजार.
पूछा तो मालूम हुआ, क्या कहते हो यार ?
क्या कहते हो यार, यह नया नही है.
सबसे ऑल्ड मार्केट यही है !
है जाली संसार यह, देख देखकर जी.
कहे घी मंडी जिसे, वहां न कोई घी.
वहां न कोई घी, खजाना गली में आए.
देखी जो असलियत तो बहु पछतायें.
छोड निराशा को, मैं पहुंचा नला बाजार.
देखकर विस्मित हुआ, कहां पहुंचा मैं यार.
कहां पहुंचा मैं यार, वहां न नला पाया.
थी बाजू में नालियां, यहां भी धोखा खाया.
पारकर दरगाह को, पहुंचा इन्दरकोट.
हुई खूब लडाइयां, लेकर जिसकी ओट.
लेकर जिसकी ओट, मैं ढाई दिन के झोपडें पर आया.
झोपडें के स्थान पर, महज एक खंडर पाया.
भई लोगों क्यों हमको बहकाते हो ?
सस्ती कोटडी को लाखोन कोटडी बताते हो.

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