स्वामी रामक्रष्ण परमहंस

dr. j k garg
मां काली के अनन्य उपासक एवं स्वामी विवेकानंद के गुरु रामकृष्ण परमहंस वर्तमान समय के सर्वश्रेष्ट आध्यात्मिक संतों में प्रमुख हैं | उन्होंने स्वयं कहा था कि जो राम है वही क्रष्ण है रामकृष्ण परमहंस की अद्धभुत आध्यात्मिक क्षमता की वजह से उनको परमहंस कहा जाता है | वे कहा करते थे जैसे में आपको देख रहा हूँ वैसे ही में परमात्मा को उनके विभिन्न स्वरूपों में देख रहा हूँ | रामक्रष्ण परमहंस का जन्म 18 फरवरी 1836 को हुआ था | हिन्दू केलेंडर के मुताबिक उनका जन्म फाल्गुन, शुक्ल पक्ष की द्वितीया के दिन हुआ था इसीलिए उनका जन्म दिन प्रतिवर्ष फाल्गुन शुक्ला दूज को हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है | इस वर्ष उनकी जयंती 4 मार्च 2022 को मनाई गयी गई |

आइए जानते हैं स्वामी रामकृष्ण परमहंस के अनमोल वचन

1 भगवान हर जगह है और कण-कण में उपस्त हैं लेकिन वह एक आदमी में ही सबसे अधिक प्रकट होते है, इस स्थिति में भगवान के रूप में आदमी की सेवा ही भगवान की सबसे अच्छी पूजा होती है।

2- सफलता मात्र दूसरों के द्वारा तय किया गया एक उपाय है और दुसरी तरफ संतोष आपके द्वारा तय किया गया एक अचूक उपाय है।

3- आपका जितना ज्यादा परिक्षण होगा , आपका अनुभव उतना ही ज्यादा होगा और इससे आपका जीवन उत्तम और श्रेष्ट बनेगा |

4- कोई प्रार्थना प्रभुजी के दूवारा अनुत्तरित नहीं होती उसका फल जरुर मिलता है |।

5- जीवन का विश्लेषण करना रोक दो | विश्लेषण आपके जीवन को और जटिल बनायगा । अपना जीवन सहज तरीके से जियो ।

6- अपने अतीत का सामना बिना अफसोस के करो । वही अपने वर्तमान को आत्मविश्वास के साथ संभालो और अपने भविष्य की तैयारी बिना डर के करो |

7- याद रक्खो कि गतिविधि आपको व्यस्त रखती है लेकिन उत्पादकता आपको मुक्त करती है |

8- यदि आप बाहर देख रहे हैं तो आपको नहीं पता होगा कि आप कहां हैं। इसीलिए सदेव अपने भीतर देखो।

9- आप खुश नहीं हैं क्योंकि चिंता करना आपकी आदत हो गई है। |

10- भगवान सभी मनुष्यों में है, लेकिन सभी मनुष्य में भगवान नहीं हैं, इसीलिए हम पीड़ित हैं|

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