मेंरा प्यारा भारत देश सभी देशों मे यह नम्बर एक,
मिलकर रहतें हमसब एक इसमें नहीं है कोई भेद।
भाषाऍं यहां बहुत अनेंक पर रंग रूप सबका एक,
पहनावा भी सबका भिन्न पैदा होता यहां पर अन्न।।
हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई रहते सभी भाई-भाई,
मन्दिर मस्जिद चर्च अपार गुरूद्वारा स्वर्ग का द्वार।
हिंदी इगंलिश और पंजाबी भाषाऐ उर्दू गुजराती,
तमिल मराठी कन्नड़ बॅंगाली बोले कोई राजस्थानी।।
राज्यों का ख़ास पहचान धोती कुर्ता लूॅंगी बनियान,
घाघरा चूनरी साड़ी और सूट पहनावा यहां अनोख।
दाल बाटी एवं चूरमा कही बनता बिरियानी रायता,
लस्सी आलू-पराठा तो कही पर इडली और ड़ोसा।।
ईद दीवाली क्रिस्मस मनाते सतगुरु को शीष नवाते,
भंगड़ा घूमर औणम कव्वाली गरबा नृत्य ये करते।
सेना में है जवान अनेंक बहादूरी मे पीछे नही एक,
दुश्मनों को कर देते ढ़ेर पीछे कभी नही रखते पैर।।
बलिदानों की कई कहानियाॅं देश सोने की चिड़ियां,
सारा सच बता रहें है हम वतन नहीं किसी से कम।
आज अस्त्र शस्त्रों से सजी ये सेनाऍं फैली है सर्वत्र,
अनेकता में भी एकता वाला देश है ये भारत वर्ष।।
तिरंगा है देश की शान इस पर सबको है अभिमान,
आन बान शान नही जाऍं दुश्मन के छक्के छुड़ाए।
भारत माँ के हम है लाल सेवा करते दिन और रात,
में भी हूॅं इस सैना का वीर रहता हूँ अजमेर शरीफ।।
रचनाकार ✍️
गणपत लाल उदय, अजमेर राजस्थान
ganapatlaludai77@gmail.com