( गणतन्त्र दिवस पर विशेष )
हे भारत माँ।
तुझे शत शत नमन है मेरा।
तेरा वीर सपूतों को,
शत शत नमन है मेरा।।
धरती की हरियाली को
जीवन की खुशहाली को
हम सब की आज़ादी को
शत शत नमन है मेरा।।
हिमालय पर लहराता तिरंगा।
गीत गाए आज़ादी का
झांसी की रानी से लेकर
काला पानी की गाथा
आज़ादी के जीवन को
शत शत नमन है मेरा।।
लाल रंग से सजी धरती।
पीकर लहु दुश्मन का।।
गीत गा रही फिजाएँ ।
तेरे मेरी आज़ादी का।।
आज़ादी के दीवानों क।
शत शत नमन है मेरा।।
माँ बैठी शमशान मै।
बेटे की चिता सजाकर ।।
गम नहीं कुछ खोने का।।
गर्व सपूत को पाक।
माँ के इन बलिदानों को।
शत शत नमन है मेरा।।
उठो धरा के अमर सपूतों।
दिखला दो अपने तेवर।।
पी के लहू दुश्मन का।।
दिखला दो अपने जौहर।।
नहीं रुका था नहीं रुकेगा।
सिल सिला बलिदानों का।।
तेरे इन बलिदानों को।
शत शत नमन है मेरा।
शत शत नमन है मेरा।।
– ख़ुशी अशोक सेलवटकर