मेरी क़लम नहीं झुकती है ,
तह तक जाकर ही रुकती है ।
हर मौसम को मैं सहता हूँ ,
पत्रकार हूँ , सच कहता हूँ ।
जो देखा वो ही लिखती है ,
मेरी क़लम नहीं बिकती है ।
मैं सबकी खबरें रखता हूँ ,
पत्रकार हूँ , सच कहता हूँ ।
सच्चाई से मेरी यारी ,
मेरी क़लम मुझे है प्यारी ।
सच लिखने का दम रखता हूँ ,
पत्रकार हूँ , सच कहता हूँ ।
पत्रकारिता दिवस हमारा ,
मना रहा है भारत सारा ।
सच की मस्ती में रहता हूँ ,
पत्रकार हूँ , सच कहता हूँ ।
– हिंदी पत्रकारिता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं .
– कवि नटवर पारीक, डीडवाना