माता-पिता के दायित्वों से भी अधिक
शिक्षक अपने दायित्वों का पालन करते हैं,
विद्यार्थियों को शिक्षित बनाने के लिए
शांति पूर्वक अपनी भूमिका निभाते रहते हैं।
सोनार,लोहार,कुम्हार की तरह बनकर
शिक्षक ज्ञान का सुन्दर आकार भर देते हैं,
एक सड़क की तरह स्वयं वहीं रहकर
विद्यार्थियों को मंजिल तक पहुंचा देते हैं।
शिक्षक निष्ठा पूर्वक कर्तव्य को निभाते हुए
घर, गांव, और समाज को शिक्षित बनाते हैं
अज्ञानता की अंधकार से ज्ञान की प्रकाश से
विश्व भर में फैलाकर प्रज्वलित कर देते हैं।
मानो या ना मानो अज्ञानता एक अभिशाप है
ज्ञान ही उस अभिशाप को अंत कर देते है,
शिक्षक जैसा दूसरा और कोई हो नहीं सकता
इसीलिए हम शिक्षक को विश्व गुरु कहते हैं।
गोपाल नेवार, ‘गणेश’सलुवा, खड़गपुर, पश्चिम मेदिनीपुर, पश्चिम बंगाल। 9832170390
9832170390.