77 के हत्यारे ब्रेविक को 21 साल की जेल

नॉर्वे में 77 लोगों की हत्या की बात स्वीकार कर चुके आंद्रे बेरिंग ब्रेविक की दिमागी हालत ठीक पाई गई है और अदालत ने उन्हें 21 साल की जेल की सजा सुनाई है.

आरोप था कि पिछले साल जुलाई में 33 वर्षीय दक्षिणपंथी ब्रेविक ने एक ही दिन में गोलियाँ चलाकर 77 लोगों को मौत के घाट उतार दिया था. इस घटना में 240 लोग घायल हुए थे.

उन्होंने अपना जुर्म स्वीकार किया था.

जेल अधिकारीयों का कहना है कि उन्हें मानसिक इलाज की पूरी सुविधाएं दी जाएँगी. ब्रेविक को साल भर से नॉर्वे की अत्यधिक सुरक्षा वाली इला जेल में रखा गया है.

ब्रेविक को जेल में और कैदियों से अलग थलग रखा जाएगा.

उन्हें तब तक जेल में रखा जाएगा है जब तक यह पूरी तरह से सुनिश्चित नहीं हो जाता कि वो समाज के लिए ख़तरा नहीं रह गया है.

तीन कमरे की रिहायश

इला जेल की प्रवक्ता एलेन बेरेक ने समाचार एजेंसी एपी से कहा,” ब्रेविक को किसी भी अन्य कैदी से मिलने जुलने नहीं दिया जा रहा है. इसलिए भरपाई के तौर पर उसे रहने के लिए तीन कमरे दिए गए हैं.”

ब्रेविक का हर कमरा क़रीब 86 वर्ग फीट का है. एक कमरे में वर्जिश करने के लिए फिटनेस के उपकरण रखे गए हैं. दूसरा उसके पढ़ने के लिए है जहाँ एक लैपटॉप मेज़ पर स्थापित है.

ब्रेविक का कंप्यूटर इंटरनेट से नहीं जुड़ा है ताकि वो बहरी दुनिया के साथ कोई संवाद स्थापित ना कर सकें. इला जेल की प्रवक्ता एलेन बेरेक ने समाचार एजेंसी एपी से कहा,” यूँ समझिए यह एक उन्नत किस्म का टाईप-राईटर है.”

ब्रेविक के वकीलों का कहना है कि ब्रेविक अपने नस्लवाद की विचारधारा पर जेल में किताबें लिखेगा.

अन्य कैदियों की तरह ब्रेविक को टीवी देखने और पत्र लिखने की इजाज़त होगी.

ब्रेविक को जेल में ही एक अत्याधिक ऊँची दीवारों से घिरे खुले स्थान पर आने जाने की अनुमति भी होगी.

मानसिक चिकित्सा

जेल के अधिकारीयों ने यह भी बताया कि जेल में एक नया हिस्सा ऐसे कैदियों के लिए बनाया जा रहा है जो मानसिक कमियों के कारण अन्य कैदियों के साथ घुल मिल नहीं सकते.

जेल के जिस हिस्से में उसे रखा जाएगा उस हिस्से में ब्रेविक को अन्य कैदियों से केवल उसी सूरत में मिलने दिया जाएगा जब कि यह तय हो कि वह दूसरों के लिए ख़तरा नहीं है.

इस जेल के 12 हिस्सों में 124 कैदियों को रखा जा सकता है. इस जेल में 230 कर्मचारी हैं जो पूरे समय कैद्दियों पर कैमरों की मदद से निगाह रखते हैं.

इस जेल में सुरक्षा बहुत ही ज़्यादा कड़ी है अंतिम बार साल 2004 में इस जेल से एक कैदी भाग निकला था जिसे कुछ ही घंटों में धर दबोचा गया.

 

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