ब्रिटेन में कवि-सम्मेलन और संकलन-लोकार्पण

ब्रिटेन के नॉटिंघम नगर में द्वितीय ‘फ़ेस्टिवल ऑफ वर्ड्स’ (http://nottwords.org.uk/)का आयोजन किया गया। गत वर्ष से प्रारम्भ हुए व सात दिनों तक चलने वाले इस वार्षिक ‘फ़ेस्टिवल ऑफ वर्ड्स’ में देश-विदेश से अनेकानेक भाषाओं के श्रेष्ठ साहित्यकार समानान्तर सत्रों में अपनी भागीदारी निभाते हैं।  नॉटिङ्घम को अंग्रेजी साहित्य का साहित्यिक-नगर माना जाता है और यूनेस्को द्वारा इसे ‘सिटी ऑफ लिटरेचर’ के रूप में घोषित किए जाने (http://www.nottinghamcityofliterature.com/) के प्रयास चल रहे हैं। यह नगर अंग्रेजी के अनेकानेक श्रेष्ठ रचनाकारों का स्थल रहा है, जिनमें डी एच लॉरेंस, लॉर्ड बायरन आदि के नाम विशेष हैं। सात दिनों तक चलने वाले ‘फ़ेस्टिवल ऑफ वर्ड्स’ में एक सत्र ‘दक्षिण एशियाई साहित्य’ का भी होता है । इस सत्र का दायित्व ‘नॉटिंघम एशियन आर्ट्स काउंसिल’ के साथ वहाँ की स्थानीय संस्था ‘काव्यरंग’ का होता है। इस सत्र में भारतीय उच्चायोग, लन्दन से भारत के उप-उच्चायुक्त डॉ. वीरेन्द्र पॉल भी आमंत्रित / उपस्थित थे।

19 अक्तूबर को अपराह्न में सम्पन्न इस सत्र में ‘काव्यरंग’ के सदस्यों की कविताओं के Colours of Poetry  शीर्षक त्रिभाषी संकलन (हिन्दी, पंजाबी, उर्दू व अंग्रेजी अनुवाद सहित) का लोकार्पण इस सत्र की प्रमुख घटना थी। दक्षिण एशियाई कवियों का यह पहला सामूहिक व अनूदित संकलन है और इसका सम्पादन जया वर्मा ने किया है। डॉ. वीरेन्द्र पॉल, नॉटिंघम की शैरिफ़,  काऊन्सलर ज़किया ज़ुबैरी, तेजेन्द्र शर्मा व व्यवसायी श्रीनाथ पुरी ने सम्मिलित रूप से इसका लोकार्पण किया। इस सत्र का संचालन डॉ. रवि महाजन ने कुशलतापूर्वक सम्हाला।

लोकार्पण के पश्चात् आयोजित कवि-सम्मेलन का दृश्य देखते ही बनता था,  जिसमें श्रोताओं से खचाखच भरे हॉल को अलग-अलग भाषाओं व अलग-अलग देशों के कवियों ने अपनी-अपनी कविताओं से सराबोर कर दिया। लन्दन से डॉ. कविता वाचक्नवी, तेजेन्द्र शर्मा एवं ज़किया ज़ुबेरी ने इसमें भाग लिया। कवि सम्मेलन का संचालन जुगनू महाजन ने अपने चिर-परिचित अंदाज़ में निभाया। दूसरे सत्र में ग़ज़ल गायक  देवदत्त जोशी ने बहादुर शाह जफर, गालिब, खुसरो, फ़ैज़, गुलाम अली, अहमद फ़राज़, अमीन एवं निदा फ़ाज़ली आदि की गज़लों का समाँ बाँध दिया।

अतिथियों के लिए दीपावली की अद्भुत सजावट से सजे वातावरण में भारतीय पारम्परिक विधि से सत्कार कर रात्रिभोज का आयोजन भी किया गया। पश्चात् अगले वर्ष मिलने का आमंत्रण दे अतिथियों को विदा दी गई। इस अवसर के कुछ चित्र

नोटिङ्घम शेरिफ़, उप-उच्चायुक्त व भारतीय लेखक
नोटिङ्घम शेरिफ़, उप-उच्चायुक्त व भारतीय लेखक
बाएँ से पुष्पा राव, डॉ. कविता वाचक्नवी, उप-उच्चायुक्त  व डॉ. महिपाल
बाएँ से पुष्पा राव, डॉ. कविता वाचक्नवी, उप-उच्चायुक्त व डॉ. महिपाल
उप-उच्चायुक्त द्वारा लोकार्पण
उप-उच्चायुक्त द्वारा लोकार्पण
लोकार्पित संकलन
लोकार्पित संकलन
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