खुद तारा बन गए नील आर्मस्ट्रॉन्ग…

चांद पर पहला कदम रखने वाले नील आर्मस्ट्रॉन्ग इस दुनिया को अलविदा कह गए. बयासी वर्ष की आयु में शनिवार को उनका निधन हो गया.

कुछ ही दिनों पहले उनकी बाइपास सर्जरी हुई थी.

नौसेना में एक चालक के तौर पर काम करने के बाद नील आर्मस्ट्रॉंन्ग ने एरोनॉटिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की. उन्होंने एक शोध परियोजना के साथ काम करना शुरू कर दिया जो कि बाद में अमरीकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा का हिस्सा बन गया.

अंतरिक्ष यात्री

एक अंतरिक्ष यात्री के तौर पर चुने जाने के बाद वो उस चालक दल का हिस्सा बने जो पहली बार अंतरिक्ष में दो पहिया वाहन ले जाने में सफल रहा.

नील आर्मस्ट्रॉंग को उनकी हृदय की नलियां अवरुद्ध होने के चलते गत दिनों अस्पताल में भर्ती कराया गया था जिसके बाद उनका आपरेशन किया गया. बीते रविवार को आर्मस्ट्रॉंग ने 82 वर्ष की उम्र पार की थी.

चांद पर गए इस मिशन के सफल होने के बाद नील आर्मस्ट्रॉंग सुर्खियों से दूर रहे.

लेकिन सितंबर 2011 में उन्होंने आर्थिक संकट के बीच नासा के भविष्य को लेकर की जा रही चर्चा में अपना पक्ष रखा था.

अपने दल के दूसरे साथियों सहित नील आर्मस्ट्रॉंग को अमरीका का सर्वोच्च नागरिक सम्मान कॉग्रेशनल गोल्ड मेडल से नवाज़ा गया है.

error: Content is protected !!