ऑस्ट्रेलियाई अरबपति क्यों बना रहा है टाइटैनिक?

कई लोगों को अचरज होता है कि ऑस्ट्रेलिया के अरबपति क्लाईव पामर, टाइटैनिक, जहाज़ क्यों दोबारा बनाना चाहते हैं. उन लोगों को पामर का एक ही उत्तर है “क्यों कि मैं बना सकता हूँ.”

बीबीसी को अपनी योजना के बारे में विस्तार से बताते हुए कहा ” यह 98 फ़ीसदी तक वैसा ही होगा. बस इसमें एक अतिरिक्त डेक होगी और यह ज़्यादा मज़बूत होगा.”

टाइटैनिक की प्रतिकृति टाइटैनिक द्वितीय कहलाएगा. यह नया जहाज़ अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा मानकों पर खरा उतरने के लिए पिछले वाले से चार मीटर अधिक चौड़ा होगा.

इस सबके अलावा पामर बताते हैं कि यह हूबहू टाईटैनिक की तरह होगा. वो यह बताना नहीं भूलते कि इस नए जहाज़ में पिछले टाईटैनिक से अलग ” ज़रुरत से ज़्यादा” जीवन रक्षक लाइफ बोट्स होंगी. मूल टाइटैनिक में बहुत सारी मौतें सिर्फ़ इसलिए हुई थीं कि जहाज़ पर ज़रुरत के मुताबिक लाइफ बोट नहीं थीं.

पामर बताते हैं “सारी लाइफ बोटों का परिक्षण तेल उद्योग करेगा और यह जांचेगा कि सभी खुले समुद्र टिक सकती हैं कि नहीं. सभी नौकाओं के ऊपर छत होगी और सब में नेविगेशन के लिए यंत्र लगे होंगे.”

पर पुराने टाइटैनिक से माहौल को बनाए रखने के लिए उसी तरह की कुछ जीवन रक्षक नौकाएं भी होंगी लेकिन वो सब महज दिखावे के लिए होंगी.

ऐतिहासिक सच्चाई

ब्रिसबेन शहर में अपने गोल्फ क्लब में कई टेबिलों पर फैले टाइटैनिक द्वितीय जहाज़ के नक्शों को फैलाए बैठे पामर ने बताया ” हमने जहाज़ की मूल डिजायनों का अध्यन किया है.”

पामर यह बताने से बचते हैं कि वो अपने इस जहाज़ को बनाने के लिए कितना ख़र्च करने वाले हैं, पर यह तय है कि अगर उनका यह प्रयास घाटे में भी गया तो भी उनकी सेहत पर कोई खास फ़र्क नहीं पड़ेगा. उनकी निजी संपत्ति की कीमत साढ़े आठ से साढ़े पंद्रह अरब डॉलर तक आंकी जाती है.

पामर यह ज़रूर बताते हैं ” अब तक 45000 लोग इस जहाज़ में यात्रा करने की इच्छा जता चुके हैं.”

श्रद्धांजलि

चीन और यूरोप में इंजीनियरों की एक टीम इस जहाज़ को बनाने के की तैयारी कर रही है. यह टीम पामर के मालवाहक समुद्री जहाज़ों को बनाती है.

मूल जहाज़ की तरह ” इस जहाज़ में भी तीन यात्री श्रेणियां होंगी.”

पामर कहते हैं “अगर आप तीसरी श्रेणी में यात्रा करना चाहते हैं, किसी के साथ कमरा बांटना चाहते हैं, आलू खाना चाहते हैं और धूम धड़ाके के साथ नाचना चाहते हैं तो आप यह कर सकेगें.”

नए ज़हाज़ के केबिन भी काफ़ी कुछ वैसे ही होंगे जैसे मूल जहाज़ के थे, बस इनमे एयर कंडीशनर और इंटरनेट ज़्यादा होगा.

पामर के अनुसार “हर केबिन में उस आदमी को तस्वीर लगी होगी जो मूल जहाज़ में यात्रा कर रहा था. इस तस्वीर के साथ यह भी बतया जाएगा कि मूल जहाज़ के डूबने के बाद वो आदमी मरा या बचा. ”

बहुत सारे लोग पामर के इस प्रयास को बड़बोला मानते हैं. पामर की राजनीतिक महत्वकांक्षाएं भी हैं और व्यवस्था देश के प्रशासन पर उनकी बेबाक टिप्पणियों को ऑस्ट्रेलिया में काफ़ी कवरेज मिलता है.

ऑस्ट्रेलिया के अखबार ब्रिसबेन कुरियर मेल के सह संपादक पॉल सीरेट कहते हैं “वो कई लोगों के लिए हीरो हैं. वो एक सिरफिरे हैं जो महत्वकांक्षी चीज़ें करना चाहते हैं. लेकिन हम यह ठीक ढंग से नहीं कहते हैं वो टाइटैनिक बनाएगें भी कि नहीं. ”

सीरेट आगे कहते हैं ” हम अभी तक उनके इस दावे को नहीं पचा पा रहे हैं कि सीआईए ऑस्ट्रेलिया में पर्यावरण के लिए काम करने वाले समूहों के साथ मिल कर ऑस्ट्रेलिया के कोयला उद्योग को तबाह करना चाहता है.”

पामर ने बाद में अपने इस बयान से पल्ला झाड़ लिया था.

पामर कहते हैं कि अपनी उम्र के अन्य लोगों की तरह ही वो एक नाव बनान चाहते हैं और वो महज़ अपने लिए एक नाव बना रहे हैं.

 

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