अमरीका में बनी एक ‘इस्लाम विरोधी’ फिल्म को लेकर पाकिस्तान में हुए हिंसक प्रदर्शनों के दौरान कम से कम 19 लोग मारे हैं और कई घायल हुए हैं. कई अन्य देशों में भी प्रदर्शनों की खबरें हैं.
इस फिल्म का शांतिपूर्वक विरोध करने के लिए शुक्रवार को पाकिस्तान में सार्वजनिक अवकाश की घोषणा की गई थी. हजारों लोगों ने सड़कों पर उतर कर अपने गुस्से का इजहार किया.
कराची में पुलिस और प्रदर्शनकारियों की उस वक्त झड़प हुई जब गुस्साई भीड़ ने बैंकों और सिनेमा घरों को आग लगा दी.
टीवी रिपोर्टों में दिखाया गया है कि पेशावर में प्रदर्शनकारियों ने पथराव और आगज़नी की जबकि राजधानी इस्लामाबाद में अति सुरक्षित राजनयिक इलाके की तरफ जा रहे हजारों लोगों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस का इस्तेमाल किया. इस राजयनिक इलाके में अमरीका समेत कई पश्चिमी देशों के दूतावास हैं.
कई अन्य मुस्लिम बहुल देशों में भी ‘इनोसेंस ऑफ़ मुस्लिम्स’ नाम की इस फिल्म को लेकर प्रदर्शनों का सिलसिला जारी है जिनमें कई लोगों की जान गई है.
इस बीच एक फ़्रांसीसी पत्रिका में पैगंबर मोहम्मद के कार्टून छपने के बाद पश्चिमी देशों के ख़िलाफ़ माहौल और गरमा गया है. विवादित फ़िल्म को लेकर अमरीका पहले ही निशाने पर था.
विरोध जताने के लिए छुट्टी
पाकिस्तान सरकार ने यौम-ए-इश्क रसूल यानी पैंगबर से प्यार का इज़हार करने के लिए शुक्रवार को देश भर में सार्वजनिक अवकाश की घोषणा की है.
पाकिस्तान के दूरसंचार प्राधिकरण यानी पीटीए ने 15 शहरों में मोबाइल सेवा बंद कर दी है.
बीबीसी उर्दू सेवा के संवाददाताओं के अनुसार इस्लामाबाद में कश्मीर रोड पर प्रदर्शनकारियों ने टायरों को आग लगाई जिससे सड़क यातायात में दिक्कतें आईं.
प्रदर्शनकारियों को संवेदनशील रेड ज़ोन इलाके में जाने नहीं दिया गया और इधर आने वाले सभी रास्तों को कंटेनर से बंद कर दिया गया.
इस्लामाबाद प्रशासन ने रेड ज़ोन इलाके की सुरक्षा के लिए पाकिस्तानी सेना को तलब किया.
इस इलाके में पाकिस्तान का राष्ट्रपति सदन, प्रधानमंत्री हाउस, सचिवालय, संसद और सुप्रीम कोर्ट के अलावा कई राजनयिक भवन भी हैं.
रेडियो पाकिस्तान के अनुसार जिन शहरों में मोबाइल सेवा प्रभावित रही, उनमें राजधानी इस्लामाबाद, रावलपिंडी, लाहौर, कराची, क्वेटा, पेशावर, फ़ैसलाबाद, झनगा, मुल्तान, खानीवाल, यात्री चकवाल, कोट मोमिन, अटक, मेरी और चकरी शामिल हैं.
कई हिस्सों में भड़का गुस्सा
दूसरी ओर अमरीका की ओर से पाकिस्तानी टेलीविज़न चैनलों पर एक विज्ञापन दिखाया जा रहा है, जिसमें राष्ट्रपति बराक ओबामा इस फ़िल्म की आलोचना कर रहे हैं.
अमरीकी विदेश मंत्रालय ने अपने नागरिकों को पाकिस्तान जाने में सतर्कता बरतने की सलाह दी है और कहा है कि अगर बहुत ज़रूरी न हो, तो वे पाकिस्तान की यात्रा न करें.
मलेशिया की राजधानी कुआलालम्पुर में भी फ्रांसीसी और अमरीकी दूतावास के बाहर प्रदर्शन हुए जबकि इराकी शहर बसरा में 3000 लोगों ने प्रदर्शनों में हिस्सा लिया. बांग्लादेश की राजधानी ढाका में भी हजारों लोगों ने अमरीका और फ्रांस के झंडे जलाए.
दक्षिणी लेबनान में शिया आंदोलन हिज्बुल्लाह की तरफ से विरोध प्रदर्शन आयोजित किया गया जिसमें हजारों लोग शामिल हुए और उन्होंने अमरीका और इसराजइल के झंडे जलाए.
मिस्र की राजधानी काहिरा में भी अमरीकी दूतावास के बाहर बड़ी संख्या में सुरक्षाकर्मियों को तैनात किए गए.
पैगंबर का अपमान?
दूसरी ओर एक फ्रांसीसी पत्रिका चार्ली हेब्दो में पैगंबर मोहम्मद के कार्टून छपने के बाद फ्रांस ने शुक्रवार को 20 देशों में अपने दूतावास बंद करने का फ़ैसला किया है.
फ्रांस के मुस्लिम नेताओं ने इस पत्रिका की आलोचना की है, लेकिन लोगों से शांति बरतने की अपील की है.
ट्यूनीशिया में सरकार ने शुक्रवार को किसी भी प्रदर्शन पर पाबंदी लगा दी.
लीबिया के बेनग़ाज़ी शहर में भी हिंसा की आशंका जताई जा रही है, कई प्रतिद्वंद्वी संगठनों ने विरोध प्रदर्शनों का आह्वान किया है.
कम बजट में बनी ये फ़िल्म ‘इनोसेंस ऑफ़ मुस्लिम्स’ अमरीका में बनी है और आरोप है कि इसमें पैगंबर मोहम्मद का अपमान किया गया है.
सारा विवाद उस समय खड़ा हुआ, जब इस फ़िल्म का अरबी में डब किया गया ट्रेलर यू-ट्यूब पर इस महीने रिलीज़ हुआ.