चांद को न्यूक्लियर बम से उड़ाना चाहता था अमेरिका

दुनिया के सर्वाधिक शक्तिशाली देश अमेरिका ने कभी चांद को भी न्यूक्लियर बम से उड़ाने की योजना बनाई थी। यह बात भले ही बड़ी अजीब सी लगे, लेकिन है यह एक सच। हालांकि इस अत्यंत गोपनीय मिशन को सेना द्वारा आपत्ति जताए जाने के बाद वापस ले लिया गया था। सेना का मानना था कि यदि यह मिशन फेल हो गया तो पृथ्वीवासियों के लिए इसके परिणाम बेहद खराब होंगे।

एक अंग्रेजी अखबार ने दावा किया है कि स्पेस मिशन को भेजने की होड़ में वर्ष 1950 में अमेरिका ने चांद को न्यूक्लियर बम से उड़ाने की योजना तैयार की थी। हालांकि इस योजना को कभी लागू नहीं किया जा सका।

अखबार के मुताबिक इस योजना को अत्यंत गोपनीय मिशन के तहत तैयार किया गया था। इस मिशन का नाम स्टडी ऑफ ल्यूनार रिसर्च फ्लाइट था। जिसका कोड नेम प्रोजेक्ट ए119 था। योजना के मुताबिक चांद पर धमाका कर वहां के धूल, मिट्टी समेत यहां मौजूद गैसों का परिक्षण किया जाना था। यह जिम्मा एक युवा खगोलविद को सौंपा गया था। इस योजना को बेहद गोपनीय तरीके से ही अंजाम भी देना था।

अखबार में छपी खबर के मुताबिक इस योजना को अमली जामा पहनाने के लिए अमेरिका को एक मिसाइल जमीन से चांद की ओर भेजनी थी। यह मिसाइल 238000 मील का सफर कर चांद तक जाती और धमाका करती। इसके लिए वैज्ञानिकों ने एटम बम को चुना था क्योंकि हाइड्रोजन बम काफी भारी होने के चलते चांद पर भेजना काफी मुश्किल था। लेकिन वैज्ञानिकों के इस मिशन को अमेरिकी सेना ने पूरी तरह से खारिज कर दिया। सेना का कहना था था कि यदि यह मिशन सफल नहीं हुआ तो इसका असर पृथ्वी पर पड़ेगा। सेना ने इसके गंभीर परिणाम होने की आशंका भी जताई थी, जिसके बाद इस योजना से पांव पीछे खींच लिए गए।

error: Content is protected !!