कई मौकों पर पार्टी को शर्मिदा करते रहे राज्यसभा सदस्य राम जेठमलानी ने कहा है कि भारतीय जनता पार्टी को जवाब देने के लिए उनके पास समय नहीं है। भले ही उनके पास इसके लिए समय न हो मगर उन्होंने एक लंबा पत्र भाजपा को जरूर लिखा है। गडकरी को लिखे इस पत्र में उन्होंने पार्टी के अन्य बड़े नेताओं अरुण जेटली और सुषमा स्वराज पर निशाना साधा है।
अपने पत्र में जेठमलानी ने लिखा है कि पार्टी को बर्बादी की राह पर बढ़ाने के लिए गडकरी जिम्मेदार हैं। सरकार द्वारा नए सीबीआइ डायरेक्टर की नियुक्ति पर सुषमा स्वराज और जेटली की आपत्ति को भी उन्होंने गलत ठहराया है। उन्होंने कहा कि नए सीबीआइ डायरेक्टर की नियुक्ति पर किया गया विवाद बेबुनियाद और गलत है। गौरतलब है कि सोमवार को भाजपा संसदीय बोर्ड ने तय किया है कि कारण बताओ नोटिस जारी कर उनसे पूछा जाए कि उन्हें छह साल के लिए पार्टी से निष्कासित क्यों नहीं किया जाए।
इस नोटिस का जवाब देने के लिए जेठमलानी को दस दिन का समय दिया गया था। संघ ने भी भाजपा को संदेश दिया था कि अब देर किए बिना जेठमलानी की नकेल कस देनी चाहिए। जबकि बेपरवाह जेठमलानी ने कहा कि उन्हें इसकी परवाह नहीं कि पार्टी क्या फैसला लेती है।
यूं तो जेठमलानी पार्टी के हर अनुशासन को तोड़ते रहे हैं। लेकिन भाजपा के लिए वह तब असहनीय हो गए जब उन्होंने सीबीआइ निदेशक की नियुक्ति का पार्टी के ही दो शीर्ष नेताओं द्वारा विरोध किए जाने पर भी परोक्ष सवाल खड़ा कर दिया। लोकसभा और राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष सुषमा स्वराज और अरुण जेटली ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर हाल में की गई निदेशक की नियुक्ति रोकने का आग्रह किया था। उनका कहना था कि यह नियुक्ति कोलेजियम से होनी चाहिए। जेठमलानी ने इसका विरोध किया और सीबीआइ निदेशक पद पर रंजीत सिन्हा की नियुक्ति को सही ठहराया।
उससे पहले वह पार्टी अध्यक्ष नितिन गडकरी के इस्तीफे की भी मांग कर चुके थे। उनके बाद हालांकि यशवंत सिन्हा और शत्रुघ्न सिन्हा भी गडकरी के खिलाफ मोर्चा खोल चुके हैं, लेकिन बैठक में उन पर चर्चा नहीं हुई। रविवार को जेठमलानी को पार्टी की सदस्यता से निलंबित कर दिया गया था। इस पर मुहर लगाने के लिए सोमवार को हुई संसदीय बोर्ड की बैठक से पहले ही संघ और भाजपा के बीच की कड़ी बने सुरेश सोनी ने कुछ नेताओं को फोन किया था। उन्होंने भी जेठमलानी के खिलाफ कार्रवाई की अनुशंसा की थी।
दरअसल संघ इसी बहाने गडकरी के खिलाफ उठ रही आवाजों पर भी रोक लगाना चाहता है। सोमवार को पार्टी अध्यक्ष नितिन गडकरी की अध्यक्षता में बोर्ड की बैठक हुई तो जेठमलानी के निलंबन के फैसले पर मुहर लग गई। बैठक के बाद अनंत कुमार ने बताया कि जेठमलानी को छह साल तक निष्कासित करने के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। बताते हैं कि बैठक में सुषमा और जेटली का स्पष्ट मानना था कि अब कार्रवाई से संकोच नहीं करना चाहिए। जबकि शीर्ष नेता आडवाणी ने कार्रवाई में पूरी संवैधानिक प्रक्रिया अपनाने का सुझाव दिया।