भारत में डिजिटल लिंग भेद खत्म करने के लिए साथ आयीं नीता अंबानी और इवांका ट्रंप

वाशिंगटन: रिलायंस फाउंडेशन की प्रमुख नीता अंबानी ने भारत में डिजिटल लिंग भेद खत्म करने के लिए अमेरिका की अंतरराष्ट्रीय विकास एजेंसी (यूएसएआईडी) के साथ हाथ मिलाया है।
इस मौके पर वाशिंगटन में मंगलवार को आयोजित कार्यक्रम में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की पुत्री और उनकी सलाहकार इवांका ट्रंप मुख्य अतिथि के तौर पर मौजूद थीं। नीता अंबानी ने मुंबई से कार्यक्रम में वर्चुअली शिरकत की।
अमेरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 2019 में दुनिया भर में महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण के लिए ‘वूमेंस ग्लोबल डेवलेपमेंट प्रोस्पेरिटी’ (डब्ल्यू जीडीपी) पहल की शुरुआत की थी। इसको बनाने में इवांका ट्रंप ने महत्वपूर्ण भूमिका अदा की है। इसका लक्ष्य 2025 तक विकासशील देशों की 50 लाख महिलाओं तक पहुंचने का है।
इस पहल के तहत रिलायंस फाउंडेशन और यूएसएआईडी साथ मिलकर काम करेंगे। इस महत्वपूर्ण साझेदारी की घोषणा डब्ल्यू-जीडीपी के तहत हुए एक विशेष कार्यक्रम में की गई। कार्यक्रम की मेजबानी अमेरिकी उप-मंत्री स्टीफन बेजगुन ने की,जिसमें यूएसएआईडी के उप-प्रशासक बोनी ग्लिक भी शामिल रहे।
कार्यक्रम को वर्चुअली संबोधित करते हुए नीता अंबानी ने कहा: “मुझे यह घोषणा करते हुए खुशी और गर्व है कि यूएसएआईडी के साथ साझेदारी करके रिलायंस फाउंडेशन और डब्ल्यू-जीडीपी साथ आ रहे हैं। हम 2020 में भारत भर में एक साथ डब्ल्यू-जीडीपी महिला संपर्क चैलेंज लॉन्च करेंगे। हमारा साझा लक्ष्य, भारत में लिंग भेद और डिजिटल विभाजन दोनों के खात्में का है क्योंकि जब महिलाएं जागती है तो वो परिवारों, समाज और देश की प्रगति के नए रास्ते खोलती हैं। सही मायनों में विकसित विश्व तो उसी को कहा जा सकता है जिसमें सबसे बराबरी का व्यवहार होता हो।”
रिलायंस फाउंडेशन के साथ मिलकर डबल्यू-जीडीपी भारत भर में महिला संपर्क चैलेंज लॉन्च करेगा। यह चैलेंज भारत में लिंग भेद के खात्में के साथ साथ भारतीय महिलाओं को व्यापर में जोड़ने और उनको बढ़ावा देने का काम करेगा।
इवांका ट्रंप ने कहा, “ उन्नयन कार्यक्रमों के माध्यम से महिलाओं के आर्थिक सशक्तीकरण को बढ़ावा देने के लिए डब्ल्यू-जीडीपी फंड बनाया गया था। हम अमेरिकी सरकार और निजी क्षेत्र के संसाधनों और विशेषज्ञता का लाभ उठा रहे हैं ताकि इसका स्थायी और गहरा प्रभाव पड़े।”
रिलायंस फाउंडेशन महिला सशक्तिकरण के मिशन में रिलायंस जियो की ताकत का इस्तेमाल भी करना चाहता है। रिलायंस जियो के लगभग 40 करोड़ ग्राहक हैं और देश के कोने कोने में उसकी पहुंच है। उधर रिलायंस फाउंडेशन भी अपनी स्थापना की 10वीं सालगिरह मना रहा है। पिछले एक दशक में रिलायंस फाउंडेश ने तीन करोड़ 60 लाख से अधिक जिंदगियों को छुआ है। रिलायंस जियो और रिलायंस फाउंडेशन भारत में जेंडर डिजिटल विभाजन को खत्म करने में महत्वपूर्ण योगदान दे सकते हैं।

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